योगी सरकार ने ४००० उर्दू शिक्षकों की भर्ती रद्द की

योगी सरकार ने सपा शासनकाल में शुरू हुई उर्दू के 4000 सहायक अध्यापकों की भर्ती निरस्त कर दी है | सरकार का कहना है कि प्राथमिक स्कूलों में मानक से कहीं ज्यादा संख्या में उर्दू शिक्षक तैनात हैं | इसलिए अब और उर्दू शिक्षकों की जरूरत नहीं है | बेसिक शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रभात कुमार ने बताया कि प्रदेश के प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में उर्दू विषय के करीब 87 हजार विद्यार्थी हैं, जबकि उर्दू विषय के16 हजार से अधिक शिक्षक हैं।शिक्षक छात्र अनुपात के हिसाब से भी छात्रों की तुलना में उर्दू विषय के अध्यापक पहले ही अधिक हैं। विद्यालयों में उर्दू शिक्षकों की आवश्यकता नहीं होने के कारण 2016 में 4000 पदों के लिए निकाली गई शिक्षकों की भर्ती निरस्त कर दी है।
चार हजार उर्दू सहायक अध्यापकों की भर्ती निकाली थी | 7500 से अधिक अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था | नई सरकार के गठन के बाद 22-23 मार्च 2017 को प्रदेश भर में उर्दू शिक्षक भर्ती के लिए काउंसलिंग की गई | 23 मार्च 2017 को ही योगी सरकार ने सहायक अध्यापक और उर्दू विषय के अध्यापकों की भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगा दी | करीब एक वर्ष तक सरकार ने भर्ती प्रक्रिया को आगे नहीं बढ़ाया |
कुछ अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था | हाईकोर्ट ने सरकार को दो महीने में भर्ती प्रक्रिया पूरी करने के लिए कहा था | इस मामले में यूपी सरकार हाईकोर्ट में रिव्यु पेटिशन फाइल करके सूचित करेगा | बता दें कि अखिलेश सरकार ने इससे पहले तीन बार में 7780 उर्दू शिक्षकों की भर्ती की थी |