वायु और ध्वनि प्रदूषण से बढ़ रही जानवरों को दिक्कतें

प्रदूषण से दिल्ली - एनसीआर ही नहीं यूपी के कई शहरों का भी बुरा हाल है | इससे इंसान तो पहले ही परेशान थे, अब जानवरों के लिए भी काफी मुश्किल हो रही है | ताजा उदाहरण कानपुर के प्राणी उद्यान का है, जहां वायु प्रदूषण का असर वन्य जीवों पर पड़ रहा है | कानपुर की आबोहवा इतनी खराब हो गई है कि इससे जानवरों का दम घुट रहा है | प्रदूषण के बढ़ते प्रकोप से जानवरों के अंदर धूल के कण जम रहे हैं | कानपुर के जानवरों को सबसे ज्यादा दिक्कत वायु प्रदूषण और ध्वनि प्रदूषण से हो रही है | आम इंसान तो धूल से बचने के लिए मास्क लगा लेता है लेकिन जानवर तो मास्क भी नहीं लगा सकते हैं | जितने भी जानवर इन दिनों मर रहे हैं सबके फेफड़ों में धूल के कण और कार्बन की मात्रा काफी पाई जा रही है, इसी वजह से इनकी मौत हो रही है | कानपुर के प्राणी उद्यान में तैनात पशु चिकित्साधिकारी आर. के. सिंह ने आईएएनएस को बताया कि प्रदूषण का असर कभी डायरेक्ट नहीं होता है |
यह जैसे मनुष्य के शरीर में करता है, ठीक उसी प्रकार जनवरों के शरीर में धीरे-धीरे करता है | लेकिन हाल-फिलहाल प्रदूषण के कारण हमारे यहां कोई मौत नहीं हुई है | पिछले माह हमारे यहां एक बाघ अपनी आयु पूरी करके मरा था | उसके पोस्टमार्टम में उसके फेफड़े में धूल के अलावा अन्य कई बाहरी तत्व चिपके मिले थे | इससे पहले जो मरे थे उनके भी शरीर में प्रदूषण का असर था | चिड़ियाघर के सहायक निदेशक एके सिंह ने कहा - इन दिनों कानपुर में वायु और ध्वनि प्रदूषण के कारण यहां की आबोहवा खराब हो गई है | इसका असर सीधा जानवरों पर पड़ रहा है | वह चिड़चिड़े हो रहे हैं या फिर सुस्त हो जा रहे हैं | यही नहीं यहां पर रात भर काम चलता है जिसके कारण होने वाले शोर से जानवर परेशान हो रहे हैं और यही नहीं काम के दौरान जलने वाली बड़ी बड़ी लाइट भी जानवरों को बहुत परेशान कर रही हैं |