ज्यादा निगरानी से बच्चें हो सकते है ‘ डिप्रेशन ’ का शिकार

नई दिल्ली,
हम सभी चाहते है कि हमारा बच्चा हर बात में आगे रहे, फिर चाहे वह पढ़ाई हो या फिर खेलकुद। उन्हें हम बात-बात पर सलाह देते रहते है। इतना ही नहीं हर वक्त उन पर निगरानी रखते हैं।
अगर आप भी ऐसा ही कुछ करते है तो थोड़ा संभल जाए क्योंकि ऐसा करने से शायद आपका बच्चा अवसाद (डिप्रेशन) का शिकार हो सकता है। यह हम नहीं एक शोध प्रकिया कह रही है।
फ्लोरिडा स्टेट यूनिवर्सिटी की कायला रीड के मुताबिक बच्चों की हर छोटी-छोटी बात में अगर मां-बाप दखलअंदाजी करते है तो ऐसी स्थिती में बच्चें अपने अंदर अवसाद पैदा कर सकते है। इस अध्ययन के अनुसार बढ़ती उम्र के साथ बच्चें अपनी जिन्दगी के अधिकांश बातें मां-बाप से छुपाते हैं।
शोधकर्ता के अनुसार पैरेट्स का बात-बात पर टोकना बच्चों को एहसास कराता है कि वह आजाद नहीं है या फिर यूं कहें उनकी आजादी पर अंकुश लगाया जा रहा है।
बता दें बच्चों की हर बात में खुद को शामिल करने वाले पैरेंट्स को हेलीकॉप्टर पैरेंट कहा जाता है। यह कई मामलों में किशोरों के लिए मददगार साबित होते है ख़ासतौर से जब परिस्थितीयां खराब हो और बच्चा कुछ समझने के पक्ष में न हो।
गौरतलब है बच्चें अक्सर सही और गलत में भेद नहीं कर पाते है ऐसे में मां बाप द्वारा दी जानें वाली सलाह भी उन्हें बंदिश दिखाई देने लगती है, इस स्थिती में पैरेंट्स को ही समझदारी के साथ बच्चों का सहयोग करना चाहिए।
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