बैंकों ने सख्त किए अपने एनपीए के नियम

रिजर्व बैंक ने बैंकों के लिए डूबे हुए कर्ज से निपटने के नियम और सख्त कर दिए हैं। अब बैंकों को तय समय के अंदर बड़े एनपीए खातों के लिए रिज्योलूशन प्लान लाना होगा। रिजोल्यूशन प्लान लागू नहीं होने पर खाता एनसीएलटी में चला जाएगा। 15 दिन के अंदर एनसीएलटी में मामले को भेजा जाएगा। डूबे कर्ज से निपटने की सभी पुरानी स्कीमें खत्म हो गई हैं। नए नियमों के मुताबिक 2000 करोड़ रुपये से ऊपर के एनपीए को 180 दिन में सुलझाना होगा। 5 करोड़ से ऊपर के खातों में डिफॉल्ट पर रिपोर्ट जरूरी होगा। बैंकों को हर हफ्ते एनपीए पर आरबीआई को रिपोर्ट देनी होगी। इसके साथ ही रिजर्व बैंक ने मार्च से एसडीआर, एस4ए, सीडीआर, जेएलएफ फ्रेमवर्क को भी खत्म कर दिया है। युनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया के एमडी और सीईओ पवन कुमार बजाज ने आरबीआई के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि आरबीआई के नए नियम से एनपीए निपटरा अब जल्द होगा और अब डूबे हुए कर्ज को छुपाना भी ज्यादा मुश्किल हो जाएगा।
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