चीन में भी है वीर हनुमान की मौजूदगी, इस किताब में हो चुका है जिक्र
हमारे देश में भगवान हनुमान के भक्तों की संख्या करोड़ों में हैं। उनकी वीरता, अपार महिमा और साहसिक कारनामों की काफी चर्चाएं हैं, लेकिन क्या आपको पता है कि हिंदुस्तान की ही तरह चीन में भी एक वानर देवता हैं। जी हां, यहां मंकी किंग सुन वुकोंग की बात की जा रही है, जो ह्वेन त्सांग के साथ बौद्ध ग्रंथ सीखने के लिए अनगिनत कष्ट सहते हुए भारत पहुंचे थे।
बता दें कि चीन के एक मशहूर प्राचीन उपन्यास जर्नी टू द वेस्ट के नायक हैं मंकी किंग सुन वुकोंग। इस उपन्यास में किए गए वर्णन के अनुसार, ह्वेन त्सांग अपने प्रशिक्षु मंकी किंग सुन वुकोंग इत्यादि के साथ मिलकर धर्मग्रंथों से सीख हासिल करने के लिए महात्मा बुद्ध के पवित्र पर्वत के लिए रवाना हुए थे। लेकिन पश्चिम की यात्रा के रास्ते में ह्वेन त्सांग के बजाय मंकी किंग सुन वुकोंग ने राक्षसों के साथ संघर्ष में अपनी वीरता और उत्कृष्टता दिखाई। उधर, दानव को मारते समय ह्वेन त्सांग ने कई मूर्खता और कायरता का परिचय दिया। कुछ इस तरह से वह पश्चिम की यात्रा के असली नायक बन गए।
सुन वुकोंग की छवि काफी हद तक वानर देवता हनुमान से मिलती है। सुन वुकोंग भी एक वानर देवता हैं और उनके हाथ में भी एक बहुत शक्तिशाली छड़ी यानी कि गदा है। सुन वुखोंग भी एक क्षण में हजारों नदियों और पहाड़ों को तुरंत पार कर सकते हैं और विभिन्न रूपों में ढलने की क्षमता रखते हैं।
सुन वुकोंग और हनुमान के बीच बहुत अधिक समानता होने के कारण चीन के मशहूर विद्वान ची श्यैनलीन ने इस बात की पुष्टि की है कि चीन के वानर राजा सुन वुकोंग का प्रोटोटाइप वास्तव में बौद्ध किंवदंतियों के माध्यम से भारत के हनुमान से आया है या फिर कम से कम इन दोनों के बीच घनिष्ठ संबंध मौजूद रहे हैं।
आपको बता दें कि उपन्यास पश्चिम की तीर्थ यात्रा की वजह से चीन में ह्वेन त्सांग के मुकाबले लोग सुन वुकोंग को अधिक जानते हैं। इसके अलावा, टीवी सीरीज और फिल्मों की वजह से वह पश्चिमी देशों में मंकी किंग के नाम से मशहूर हैं।