गोटाभाया राजपक्षे की जीत से पाकिस्तान और चीन दोनों खुश

श्रीलंका में चुनाव नतीजों में जीत हासिल करने के बाद गोटाभाया राजपक्षे ने सोमवार को राष्ट्रपति पद की शपथ ले ली | श्रीलंका की पूर्ववर्ती सरकार में रक्षा सचिव रह चुके गोटाभाया राजपक्षे की जीत से पाकिस्तान और चीन दोनों खुश हैं | राजपक्षे ने अपने प्रतिद्वंद्वी साजित प्रेमदास को हराया | साजित श्रीलंका के वर्तमान प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे की पार्टी यूनाइटेड नेशनल पार्टी (यूएनपी) के उम्मीदवार थे | पाकिस्तानी मीडिया में गोटाभाया राजपक्षे की जीत को भारत के लिए झटका और पाकिस्तान के लिए खुशखबरी कहा जा रहा है | श्रीलंका के पीएम रानिल विक्रमसिंघे भारत के करीबी कहे जाते रहे हैं |
2016 में भी उन्होंने पाकिस्तान की मेजबानी में दक्षिण एशियाई सहयोग संगठन (सार्क) की बैठक का बहिष्कार किया था | सितंबर महीने में पाकिस्तान श्रीलंका क्रिकेट टीम की मेहमाननवाजी करने वाली थी लेकिन श्रीलंका के प्रधानमंत्री कार्यालय की तरफ से आतंकी हमले का अलर्ट जारी होने के बाद दौरे पर संकट के बादल मंडराने लगे थे | पाकिस्तान की तमाम कोशिशों के बाद श्रीलंका क्रिकेट अथॉरिटीज ने सुरक्षा स्थिति की फिर से समीक्षा करवाई और उसके बाद ही अपनी टीम को पाकिस्तान भेजा | श्रीलंका के इस रुख के लिए पाकिस्तान में रानिल विक्रमसिंघे की भारत से करीबी को ही जिम्मेदार ठहराया जा रहा था | पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, रानिल विक्रमसिंघे भारत के इतने करीब थे कि पाकिस्तान के प्रति उनका रवैया हमेशा उदासीन ही रहा | विश्लेषकों का कहना है कि सत्तारूढ़ पार्टी से करीबी को देखते हुए, भारत सजीत प्रेमदास को राष्ट्रपति बनते देखना चाहता था जो विक्रमसिंघे की ही पार्टी यूनाइटेड नेशनल पार्टी (यूएनपी) के उम्मीदवार थे | वहीं पाकिस्तान श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे के भाई गोटाभाया राजपक्षे की जीत चाहता था | पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी ने नाम ना छापने की शर्त पर कहा - अगर प्रेमदास चुनाव जीत जाते तो यह पाकिस्तान के लिए बड़ी त्रासदी होती | प्रेमदास केवल भारत ही नहीं बल्कि पश्चिमी देशों की भी पसंद थे क्योंकि गोटाभाया की जीत से श्रीलंका पर चीन का प्रभाव बढ़ने की संभावना थी |
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्रीलंका के राष्ट्रपति चुनाव में जीत हासिल करने पर गोटाभाया को तुरंत बधाई दी लेकिन भारत असलियत में इस नतीजे से खुश नहीं होगा | महिंदा राजपक्षे चीन समर्थक माने जाते हैं और उनके भाई गोटाभाया राजपक्षे भी इसी राह पर चल सकते हैं | राजपक्षे परिवार के साथ भारत के रिश्ते बहुत मधुर नहीं रहे हैं इसलिए गोटाभाया का चुना जाना भारत के लिए झटका बताया जा रहा है | एक अन्य पाकिस्तानी अधिकारी ने कहा - पाकिस्तान के लिए गोटाभाया राजपक्षे की जीत एक सकारात्मक घटनाक्रम है | गोटाभाया राजपक्षे अपने भाई महिंदा राजपक्षे के शासनकाल (2005-2015) के दौरान रक्षा सचिव रहे थे और राजपक्षे बंधुओं को 26 सालों तक चले गृहयुद्ध को खत्म करने का श्रेय दिया जाता रहा है | जब गोटाभाया रक्षा मंत्री थे तो पाकिस्तान ने भी तमिलों के खिलाफ उनके ऑपरेशन में मदद की थी | पाकिस्तान ने भी बिना देरी किए श्रीलंका के नए राष्ट्रपति को बधाई दी | पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा - पाकिस्तान की सरकार श्रीलंका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति गोटाभाया राजपक्षे को बधाई देती है | पाकिस्तान आश्वस्त है कि उनके नेतृत्व में श्रीलंका समृद्धि और शांति की दिशा में अपना सफर जारी रखेगा | पाकिस्तान का नेतृत्व नए राष्ट्रपति के साथ काम करने और दोनों देशों के बीच रिश्ते और मजबूत करने के लिए उत्सुक है | पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने भी ट्विटर पर श्रीलंका के राष्ट्रपति को चुनाव में जीत हासिल करने पर बधाई दी | हालांकि, कुछ विश्लेषकों का कहना है कि नेतृत्व परिवर्तन से भारत-श्रीलंका के द्विपक्षीय रिश्तों पर बहुत ज्यादा असर नहीं पड़ेगा |