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जिसने भिजवाया आजम को जेल, उसको भाजपा ने बनाया उम्मीदवार

Lउत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा के बाद सभी पार्टियों ने अपने उम्मीदवारों की भी घोषणा कर दी है। इसी क्रम में आज बीजेपी के यूपी चुनाव प्रभारी और केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने प्रेस कांफ्रेंस कर भा जारी कर दी। एक ओर बड़ी खबर यह है कि सूबे के मुखिया पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ने जा रहे हैं, वह भी गोरखपुर की शहर सीट से। वहीं, दूसरी ओर एक बड़ी खबर यह भी है कि आजम खान के रामपुर से बीजेपी ने एक ऐसा उम्मीदवार को खड़ा किया है, जिसने खुद आजम खान की नाक में दम कर के रखा है। यह उम्मीदवार हैं आकाश सक्सेना।
दरअसल, आकाश सक्सेना पेशे से वकील हैं। इतना ही नहीं, आकाश सक्सेना वह वकील हैं, जिनके द्वारा दर्ज कराए गए मुकदमों के चलते आजम खान एंड फैमिली जेल में हैं। आकाश सक्सेना द्वारा उठाए गए दोहरे पासपोर्ट, आधार कार्ड और जन्म प्रमाण पत्र मामले में आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम जेल में बंद हैं। वहीं, आजम खान की पत्नी तंजीन फातिमा भी कुछ दिन इसी वजह से जेल में थीं। बता दें, जौहर यूनिवर्सिटी पर सरकार का कंट्रोल और ED जांच भी आकाश सक्सेना के दायर मुकदमों की वजह से हुआ है।
वकील आकाश सक्सेना लगातार कोर्ट में पेश होकर बयान दर्ज कराने, गवाही देने और सबूत पेश करने की वजह से सपा सांसद आजम खान और बेटे पर आरोप तय हुए हैं। बता दें इस पूरे मामले में बीजेपी के नेता आकाश सक्सेना ने आजम और उनके परिवार के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ी। आजम खान के जेल जाने के बाद आकाश सक्सेना ने मीडिया के सामने कहा था कि उन्हें इंसाफ मिल गया है।
साल 2020 में भाजपा नेता और अधिवक्ता आकाश सक्सेना ने अब्दुल्ला आजम के खिलाफ दो बर्थ सर्टिफिकेट बनवाने, दो पासपोर्ट बनवाने और दो पैन कार्ड बनवाने के केस दर्ज कराए थे। उनका आरोप था कि अब्दुल्ला ने दो जन्म प्रमाण पत्र बनवा रखे हैं। केसेस में अब्दुल्ला के साथ ही आजम खान और उनकी पत्नी डॉ. तंजीन फातिमा को भी नामजद किया गया था। आरोप लगाया कि अब्दुल्ला का जन्म प्रमाण पत्र बनवाने के लिए आजम और उनकी पत्नी ने जो शपथ पत्र दिया था, उसमें झूठ बोला था। इसके बाद ही कानूनी कार्रवाई की गई और तीनों को आरोपी पाया गया था।

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