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पाकिस्तान में हालात बेकाबू हुए

इस्लामाबाद: पाकिस्तान अभी तक के अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है वहां के हालात बेकाबू होते जा रहे है और जनता सड़कों पर है। आना वाला समय पाकिस्तान के लिए सही नही लग रहा है। इसी बीच में पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को रिहाई देने पर सुप्रीम कोर्ट के सामने पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट में शामिल पार्टियां धरना दे रही हैं। वहां पर बड़ी तादाद में कार्यकर्ता मौजूद हैं। इसकी अगुआई जमीयत-ए-उलेमा-इस्लाम फजल (JUI-F) के नेता मौलाना फजल-उर-रहमान कर रहे हैं। उनके साथ पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज (PML-N) की वाइस प्रेसिडेंट मरियम नवाज भी हैं। बता दे कि प्रदर्शनकारियों की तादाद इतनी ज्यादा थी कि जजों को पिछले दरवाजे से कड़ी सुरक्षा में निकालना पड़ा।

जानकारी के लिए आपको ये भी बता दे कि अल कादिर ट्रस्ट केस में इमरान की पत्नी बुशरा को 23 मई तक गिरफ्तारी से राहत मिल गई है। इमरान और बुशरा बीबी लाहौर हाईकोर्ट पहुंचे तो उनके चारों तरफ सफेद कपड़े का घेरा बनाया गया था। इसलिए मीडिया को उनकी तस्वीरें लेने का मौका भी नहीं मिला। 4 मिनट की सुनवाई में बुशरा को 23 मई तक प्रोटेक्टिव बेल मिल गई। रेड जोन वाले इस इलाके में 9 मई से धारा 144 लागू है। इसके बावजूद कार्यकर्ता यहां पहुंचे और उन्होंने गेट फांदकर सुप्रीम कोर्ट में घुसने की कोशिश की।

इससे पहले आज डिफेंस मिनिस्टर ख्वाजा मोहम्मद आसिफ ने संसद में कहा कि पहले सुनते थे कि पर्चे लीक होते हैं। अब सुनते हैं कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले भी लीक हो रहे हैं। आप इंसाफ के लिए बैठे हैं, किसी की मदद के लिए नहीं। उन्होंने इमरान को रिहा करने वाले 3 जजों के बारे में कहा- हर बेंच पर यही तीन मसखरे बैठे मिलते हैं। पाकिस्तान में सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ विरोध प्रदर्शन 26 साल बाद हो रहा है। नवंबर 1997 में PML-N नेताओं और कार्यकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट पर हमला किया था। तब तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के खिलाफ एक मामले की सुनवाई चल रही थी। उस वक्त चीफ जस्टिस सज्जाद अली शाह और राष्ट्रपति फारूक खान लेघारी के साथ विवाद चल रहा था। भीड़ के हमले के चलते न्यायाधीशों को जान बचाने के लिए भागना पड़ा था।

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