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प्रियंका गांधी के सलाहकार राकेश सचान हुए भाजपाई, आरपीएन सिंह के बाद दूसरा बड़ा झटका

यूपी चुनाव में दल बदल की राजनीतिक की बयार कुछ तेजी से बह रही है। कानपुर ग्रामीण की राजनीति में कद्​दावर नेताओं में गिने जाने वाले राकेश सचान ने कांग्रेस का हाथ छोड़कर अब भाजपा का दामन थाम लिया है। इससे पहले वह सपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए थे। माना जा रहा है कांग्रेस में टिकट दावेदारी को दरकिनार किए जाने से नाराजगी के बाद उन्होंने यह फैसला लिया है और भोगनीपुर विधानसभा सीट से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ने की चर्चाएं तेज हो गई हैं।
कानपुर की घाटमपुर सीट से 1993 और 2002 में विधायक रहे राकेश सचान ने कांग्रेस छोड़कर भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली है। राकेश सचान ने वर्ष 2009 में फतेहपुर सीट से समाजवादी पार्टी से लोकसभा का चुनाव जीता था। इसके बाद 2019 में टिकट ना मिलने पर नाराज होकर वह सपा की साइकिल से उतर गए थे और समाजवादी पार्टी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए थे। अब जब उन्होंने कांग्रेस का हाथ छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया है तब उनकी पत्नी सीमा सचान को भोगनीपुर से भाजपा का उम्मीदवार बनाए जाने की चर्चाएं तेज हो गई हैं।
कौन है राकेश सचान
राकेश सचान की गिनती कानपुर घाटमपुर औऱ फतेहपुर क्षेत्र के कद्दावर नेताओं में होती है। कानपुर की घाटमपुर सीट से 1993 और 2002 में विधायक रहे राकेश सचान ने 2009 में समाजवादी पार्टी के टिकट पर फतेहपुर से लोकसभा का चुनाव लड़ा औऱ जीत दर्ज कर सांसद बने। 2014 में सपा के टिकट पर फ़िर से फतेहपुर से चुनाव लड़े लेकिन मोदी लहर में राकेश सचान को बीजेपी की साध्वी निरंजन ज्योति ने तगड़ी शिकस्त दी थी इस चुनाव में राकेश सचान तीसरे नम्बर पर आए थे। दूसरे पर बसपा के अफ़ज़ल सिद्दीकी थे।
2019 में सपा बसपा गठबंधन में फतेहपुर की लोकसभा सीट बसपा के खाते में चली गई थी। बसपा ने सुखदेव प्रसाद वर्मा को टिकट दिया। जिससे नाराज़ होकर राकेश सचान कांग्रेस में शामिल हो गए थे। इसके बाद 2019 का लोकसभा चुनाव कांग्रेस के टिकट पर लड़े। लेकिन बुरी तरह हार गए। बावजूद इसके कांग्रेस में प्रियंका गांधी की टीम का हिस्सा रहे। प्रियंका गाँधी के खास सिपहसालारों में से एक थे।

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