नयी दिल्ली । देश के पर्यटन उद्योग को बढ़ावा देने के लिए पर्यटन मंत्रालय के लिए बजट में 2,400 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है, जो गत साल की तुलना में 18.42 प्रतिशत अधिक है। इस बजट में आवंटित राशि का अधिकतर हिस्सा स्वदेश दर्शन योजना के लिए है।
पर्यटन मंत्री जी किशन रेड्डी ने बजट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, मैं आत्मनिर्भर भारत के बजट के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के प्रति आभारी हूं। आजादी के अमृत महोत्सव के जरिये जब देश आजादी के 75 साल का उत्सव मना रहा है, तब हम अमृत काल में प्रवेश कर रहे हैं और यह बजट आजादी के 100 साल पूरे होने तक का ब्लूप्रिंट पेश करता है। विकास और विरासत साथ साथ चलते हैं और यह इस बात से परिलक्षित होता है कि इस साल पर्यटन तथा संस्कृति मंत्रालय के लिए बजट में काफी अधिक राशि आवंटित की गयी है।
बजट में प्रस्तावित आवंटित 2,400 करोड़ रुपये में से 1,644 करोड़ रुपये आधारभूत ढांचा विकास तथा 421.50 करोड़ रुपये प्रचार संबंधित गतिविधियों के लिए हैं। आधारभूत ढांचा विकास के आवंटित राशि में से 1181.30 करोड़ रुपये स्वदेश दर्शन योजना के लिए हैं। यह योजना मंत्रालय की मुख्य योजना है और 235 करोड़ रुपये प्रसाद योजना के लिए हैं। इसके अलावा 130 करोड़ रुपये महत्वपूर्ण पर्यटन स्थलों के विकास के लिए आवंटित हैं।
शेष आवंटित राशि को सेवा प्रदाताओं के क्षमता निर्माण, चैंपियन सर्विस सेक्टर योजना, आईटी आदि को फंड करने के लिए किया जायेगा। इसका उपयोग देश में पर्यटन मंत्रालय, इसके देश विदेश में मौजूद कार्यालयों के व्यय को पूरा करने में भी किया जायेगा। 2013-14 में पर्यटन मंत्रालय के लिए आवंटित राशि की तुलना में इस बार 76.82 प्रतिशत अधिक और गत साल की तुलना में 18.42 प्रतिशत अधिक है।
मंत्रालय ने पूर्वोत्तर राज्यों के लिए 227 करोड़ रुपये आवंटित किये हैं। आदिवासी इलाकों में पर्यटन संबंधी आधारभूत ढांचा निर्माण के लिए 98 करोड़ रुपये आवंटित किये गये हैं। चालू वित्त वर्ष में कोरोना संकट से प्रभावित सेवा क्षेत्र के ऋण गारंटी योजना शुरु की गयी है।