बिहार में सरस्वती पूजा को लेकर हुए कई बदलाव, जुलूस और डीजे की अनुमति नहीं
बिहार में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में कमी देखने को मिल रही है। हालांकि अभी भी सरकार पूरी तरह से ऐहतियात बरत रही है। राज्य में सरकार ने सार्वजनिक स्थानों पर कार्यक्रम करने पर पाबंदी लागू की हुई है। ऐसे में इस वर्ष सार्वजनिक स्थानों पर सरस्वती पूजा का आयोजन नहीं किया जाएगा।
इस संबंध में सोमवार को पटना के जिलाधिकारी डीएम चंद्रशेखर सिंह और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) मानवजीत सिंह ढिल्लों ने बैठक की। इस बैठक में फैसला किया गया कि कोविड 19 की स्थिति के मद्देनजर सार्वजनिक स्थानों पर सरस्वती पूजा के कार्यक्रमों का आयोजन नहीं किया जाएगा।
बैठक में डीजे बजाने पर भी प्रतिबंध लगाया गया है। बैठक के दौरान डीएम ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिए है कि सरस्वती पूजा के दौरान सख्ती से कानून का पालन करवाया जाए। इस दौरान कोविड 19 नियमों का पालन कराने पर भी विशेष ध्यान दिए जाने के निर्देश दिए गए है।
सार्वजनिक स्थानों पर नहीं होगी पूजा
गृह विभाग के मुताबिक छह फरवरी तक धार्मिक स्थल, स्कूल कॉलेजों को बंद किया गया है। जिला प्रशासन ने धार्मिक स्थलों पर सार्वजनिक तौर से पूजा करने की अनुमति नहीं दी है। धार्मिक स्थानों पर पुजारी ही पूजा कर सकेंगे। गौरतलब है कि राज्य में स्कूल कॉलेजों को छह फरवरी तक के लिए बंद किया गया है। हालांकि इंटर की परीक्षाएं जारी रहेंगी।
ऐसे में स्कूल ऑर कॉलेजों में सरस्वती पूजा करने की अनुमति नहीं दी गई है। अगर स्कूल छोटे स्तर पर पूजा का आयोजन करना चाहते हैं तो इसके लिए उन्हें जिला प्रशासन सने अनुमति लेनी होगी। पूजा के दौरान जुलूस और डीजे आदि के उपयोग की अनुमति नहीं है।
बैठक में तय किया गया है कि पूजा में मात्र 50 लोग ही शिरकत कर सकते है। इस दौरान किसी भी तरह के गाने बजाने खासतौर से डीजे का इस्तेमाल नहीं होगा। सभी जगहों पर कोविड 19 प्रोटोकॉल का पालन करना अनिवार्य है। मूर्ति विसर्जन के दौरान नेशनल ग्रीन ट्रीब्यूनल के नियमों का पालन करना आवश्यक होगा। मूर्तियों का विसर्जन सिर्फ कृत्रिम तालाबों में ही किया जाएगा।
घरों में पूजा करने की अपील
डीएल ने जिलावासियों से अपील की है कि वो अपने घरों में रहते हुए ही पूजा करें। सामूहिक तौर पर पूजा करने से बचें।