राज्य

मथुरा को ‘काशी मॉडल के आधार पर’ विकसित करना भाजपा के एजेंडे में सबसे ऊपर: श्रीकांत शर्मा

मथुरा विधानसभा सीट से फिर चुनाव लड़ रहे उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा का कहना है कि सांस्कृतिक राष्ट्रवाद भाजपा के लिए एक वैचारिक प्रतिबद्धता है, लेकिन विकास राज्य विधानसभा चुनाव में प्रमुख मुद्दा है। उन्होंने राज्य की भाजपा सरकार की पिछले पांच वर्षों की तमाम उपलब्धियां गिनाईं और दावा किया कि यूपी अब बिजली आपूर्ति, बुनियादी ढांचे और कानून-व्यवस्था में सुधार के लिए जाना जाता है।
मंत्री ने कहा कि मथुरा को ‘काशी मॉडल के आधार पर’ विकसित करना भाजपा के एजेंडे में सबसे ऊपर है। ‘काशी मॉडल’ शब्द का इस्तेमाल यूपी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लोकसभा क्षेत्र वाराणसी का संदर्भ में किया जाता है, जिसे प्रधानमंत्री ने विकास का एक उदाहरण बताया है और जो धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत को भी बढ़ावा देता है।
‘विकास और वैचारिक प्रतिबद्धता पर ध्यान देना होगा’
श्रीकांत शर्मा के मुताबिक, यूपी चुनाव में भाजपा के लिए केंद्रीय विषय ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ के नारे में निहित है। साथ ही इस पर भी जोर दिया कि यह सिद्धांत सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के साथ चलता है।
शर्मा ने कहा, ‘हम सनातनी हैं, हम मंदिर नहीं बनाएंगे तो और कौन बनाएगा? लेकिन जब सनातनी सत्ता में होते हैं तो वे 20 प्रतिशत या 80 प्रतिशत (आबादी) की राजनीति नहीं करते हैं। हमारी योजनाओं के जरिये सभी को बिजली, वैक्सीन, राशन, आयुष्मान भारत कार्ड मिल रहे हैं। शर्मा का कहना है कि यदि वह मथुरा, जिसे भगवान कृष्ण का जन्मस्थान माना जाता है, से फिर चुने जाते हैं तो ‘काशी मॉडल’ अपनाएंगे और धार्मिक स्थलों के साथ-साथ बुनियादी ढांचे का भी विकास करेंगे।
शर्मा ने कहा, ‘हमने किसानों के लिए बिजली की दरें आधी कर दी हैं. पहले किसानों को 170 रुपये प्रति हॉर्सपावर देना पड़ता था लेकिन उन्हें अब केवल 84 रुपये प्रति एचपी देना होगा। पहले नियमित आपूर्ति नहीं होती थी, किसान सर्दियों में खेत में पहुंच जाते थे और बिजली नदारत हो जाती थी। फिर वे पूरी रात ठंड में बिजली के इंतजार में गुजारते। अब हमने 10 घंटे, खासकर किसानों के लिए सुबह 7 बजे से शाम 5 बजे तक नियमित बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की है।’
उन्होंने राज्य की पिछली समाजवादी पार्टी सरकार पर भी निशाना साधा। मंत्री ने दावा किया, ‘अखिलेश यादव सरकार ने टैरिफ में 61 फीसदी की वृद्धि की थी। हमने ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली की आपूर्ति 54 फीसदी बढ़ाई की है। चौधरी चरण सिंह और दीनदयाल उपाध्याय ने किसानों और मजदूरों के लिए जो सपने देखे थे, हम उन्हें पूरा करने की कोशिश कर रहे हैं। हम किसानों की आय दोगुनी करने के प्रयास भी कर रहे हैं।’

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