राज्य

यूपी: मुकदमों के त्वरित निस्तारण में सूचना प्रौद्योगिकी का महत्वपूर्ण योगदान

उच्च न्यायालय, इलाहाबाद के पूर्व मुख्य न्यायाधीश गोविन्द माथुर ने कहा कि वादों के निस्तारण में सूचना प्रौद्योगिकी का महत्वपूर्ण योगदान होता है। उन्होंने अधिकरणों की आवश्यकता, महत्ता व इस संबंध में संवैधानिक प्रावधानों पर विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि राज्य लोक सेवा अधिकरण, लोक सेवकों के मुकदमों का निस्तारण त्वरित गति से करते हुए कर्मचारियों की समस्याओं को दूर करने में अहम योगदान देता है। उन्होंने कहा कि यह अधिकरण अपने कार्यों के प्रति कटिबद्ध है तथा यह निरन्तर तेजी से आगे बढ़ रहा है।
 
गोविन्द माथुर आज उत्तर प्रदेश राज्य लोक सेवा अधिकरण इंदिरा भवन के सभागार में राज्य लोक सेवा अधिकरण के 47वें स्थापना दिवस कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि 47 वर्ष पूर्ण कर अधिकरण एक परिपक्व संस्था के रूप में उभर कर सामने आया है। यहां का बार कठिन से कठिन परिस्थितियों में विचलित हुए बगैर अपनी बात को रखने में सक्षम है, जो न्यायपालिका की सुरक्षा एवं संरक्षा की गारंटी है। 
उच्च न्यायालय लखनऊ खण्ड पीठ, लखनऊ के डी के उपाध्याय ने अपने सम्बोधन में आज के परिवेश में अधिकरण की महत्ता पर विशेष बल दिया। उच्च न्यायालय तेलंगाना की न्यायमूर्ति श्रीदेवी ने अपने सम्बोधन में यूपी में कार्यकाल के दौरान के अनुभव व अधिकरण की कार्य प्रणाली साझा की।
उत्तर प्रदेश राज्य लोक सेवा अधिकरण के अध्यक्ष न्यायमूर्ति सुधीर कुमार सक्सेना ने मुख्य अतिथि एवं विशिष्ट अतिथियों को अंग वस्त्र, तुलसी का पौधा एवं प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया। उन्होंने बताया कि इस अधिकरण की स्थापना 24 नवम्बर, 1975 में की गयी थी। अधिकरण का मुख्य उद्देश्य लोक सेवकों के सेवा सम्बंधी मामलों का त्वरित निस्तारण करते हुए उन्हें उचित न्याय उपलब्ध कराना है। 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button