राष्ट्रीय बाल पुरस्कार विजेता बच्चों से पीएम मोदी जानेंगे किस्से
प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार विजेता बच्चों के साथ आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बातचीत करेंगे। इस मौके पर केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति जुबिन ईरानी और राज्य मंत्री डॉ. मुंजपारा महेंद्रभाई भी मौजूद रहेंगे। इस वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के लिए ये बच्चे अपने परिजनों के साथ अपने जिले के मजिस्ट्रेट के साथ जिला मुख्यालय से जुड़ेंगे।
बता दें कि सभी पुरस्कार विजेता बच्चों को एक पदक, एक लाख रुपये का नकद पुरस्कार और प्रमाण पत्र दिया जाता है।
जानिए राष्ट्रीय बाल पुरस्कारों के बारे में
प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार भारत में रहने वाले 5 वर्ष से अधिक और 18 वर्ष तक के बच्चों को दिया जाता है। ये पुरस्कार एक मान्यता है के तौर पर उन्हें दिया जाता है जिन्होंने नवाचार, शैक्षिक उपलब्धि, खेल, कला एवं संस्कृति, समाज सेवा और बहादुरी जैसे 6 क्षेत्रों में असाधारण क्षमता और उत्कृष्ट उपलब्धि हासिल की हो। इस पुरस्कार विजेताओं को एक पदक, 1,00,000/- रुपये का नकद पुरस्कार और एक प्रमाण-पत्र दिया जाता है।
परेड का हिस्सा नहीं
हर वर्ष राष्ट्रीय बाल पुरस्कार विजेता बच्चों को राजपथ पर निकाली जाने वाली परेड में शामिल किया जाता है। ये बाल पुरस्कार राष्ट्रपति भवन में एक समारोह में राष्ट्रपति द्वारा प्रदान किए जाते हैं। प्रधानमंत्री हर साल इन पुरस्कार विजेताओं के साथ बातचीत भी करते हैं। मगर देश में कोविड-19 की स्थिति को देखते हुए इस वर्ष नई दिल्ली में पुरस्कार समारोह आयोजित करना संभव नहीं हो सका है।
24 जनवरी को राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर और आजादी का अमृत महोत्सव के हिस्से के रूप में प्रधानमंत्री मोदी पीएमआरबीपी-2022 के विजेताओं के साथ वर्चुअल माध्यम से बातचीत करेंगे। इसमें बच्चे अपने माता-पिता और संबंधित जिले के जिला मजिस्ट्रेट के साथ जिला मुख्यालय से इस कार्यक्रम में शामिल होंगे।
विजेताओं को मिलेंगे डिजिटल सर्टिफिकेट
समारोह के दौरान प्रधानमंत्री ब्लॉक चेन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करते हुए पीएमआरबीपी 2022 के विजेताओं को डिजिटल सर्टिफिकेट देंगे। पीएमआरबीपी-2021 के विजेताओं को भी इसी समारोह में प्रमाण पत्र दिए जाएंगे, जिन्हें पिछले साल कोविड स्थिति के कारण प्रमाण पत्र नहीं दिया जा सका था। पीएमआरबीपी के पुरस्कार विजेताओं को प्रमाण पत्र देने के लिए पहली बार ब्लॉक चेन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जा रहा है।