
विज्ञापन आता है की फलाना यूनिवर्सटी 400 एकड़ मे फैली है…..
मुझे आज तक समझ मे नही आया……
ये बच्चों को पढ़ने बुलाते है या चरने ?
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ज़िन्दगी कितनी भी झंड क्यूँ न गुज़र रही हो…..” क्या हाल है ? ” का जवाब
हमेशा ” बहुत बढ़िया ” ही देना पड़ता है।
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पहले दो लोग झगडते थे,
तो तीसरा छूडवाने जाता था…
आजकल तीसरा विडीओ बनाने लगता है !!!
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वक्त के साथ सब बदल जाता है,
पुराने ज़माने में जिसे ……..
ठेंगा कहते थे,
वो आज like कहलाता है
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मैंने सूर्य देव से पुछा: प्रभु अभी तो अप्रैल है…!
अभी से 44-45 डिग्री…!:-:
सूर्य देव ने कहा: पगले…! अभी तो पार्टी शुरू हुई है…!
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कल रात एक मच्छर कान के पास आ के गुनगुनाया-
भाई जी नवरात्रे कब ख़त्म होंगे ?
मैंने कहा क्यों भाई ?
तो बोला भाई जी आपके ख़ून में अल्कोहल कम हो गया है,
मज़ा नही आ रहा पहले जैसा ।
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हमारे बचपन के संस्कार ही हैं
कि घर में हवन होते समय घर के लड़के मंत्र भले ना बोल पायें
पर स्वाहा इतनी ज़ोर से बोलते हैं कि
सारी पापी आत्माएं आवाज़ सुनकर ही मर जाती हैं।
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एक पार्टी में एक सुन्दर सी लड़की एक लड़के के पास गई।
लड़की: सुनिए, मेरे एक हाथ में गिलास और दूसरे में प्लेट है,
आप मेरे चेहरे से एक चीज़ हटा देंगे।
लड़का: हाँ हाँ क्यों नहीं। क्या चीज़ हटानी है?
लड़की: अपनी कुत्ते जैसी नज़र।
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आजकल सुबह नही होती
बल्कि सीधे दोपहर हो जाती है ।
सुबह का भूला शाम को घर आये
तो उसे भूला हुआ नही बल्कि भुना हुआ कहते है ।
गर्मी का कहर शुरू ।।
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एक औरत अकेले कब्रिस्तान मे एक कब्र पर बैठी थी।
एक राहगीर ने पूछा : डर नहीं लगता ?
औरत : क्यों ? इसमें डरने की क्या बात है …..
अंदर गर्मी लग रही थी तो बाहर आ गई ।
राहगीर अब कौमा मे है ।
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