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सीएम योगी की एक स्कीम से देश की सबसे बड़ी रोबोट कंपनी बनी एडवर्ब

नए आंत्रप्रेन्योर को प्रोत्साहित करने के लिए योगी सरकार द्वारा शुरू की गई स्कीम के अब सकारात्मक परिणाम सामने आने लगे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा 2017 में लाई गई स्टार्टअप नीति का नतीजा है कि चार सौ स्क्वायर फिट के कमरे में शुरू हुई कंपनी ‘एडवर्ब’ आज देश की सबसे बड़ी रोबोट कंपनी बन गई है। कंपनी का टर्नओवर साढ़े चार सौ करोड़ से ज्यादा है। यही नहीं यह कंपनी दो हजार से ज्यादा कुशल युवाओं को प्रत्यक्ष रोजगार दे रही है। निकट भविष्य में एडवर्ब तीन हजार और कुशल युवाओं को प्रत्यक्ष रोजगार देगी।

मुख्यमंत्री योगी की मंशा है कि युवाओं की अभिनव सोच और रचनात्मक दृष्टिकोण सफल बिजनेस मॉडल बने। उन्होंने स्टार्टअप योजनाओं की बेहतरी और युवाओं की आवश्यकता को देखते हुए प्रदेश में ‘इनोवेशन फंड’ का भी गठन किया है। इसका लाभ ऐसे स्टार्टअप को मिल रहा है जिनके केंद्र में उत्तर प्रदेश है। एडवर्ब को उत्तर प्रदेश सरकार की नए एंटरप्रेन्योर को प्रोत्साहित करने की नीति का फायदा मिला और कंपनी यूपी को 1 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनाने में अपना योगदान दे रही है।

उत्तर प्रदेश सरकार ने एडवर्ब को जमीन आवंटित करने से लेकर उद्योग स्थापित करने में हर तरह का सहयोग दिया। यही वजह है कि वर्ष 2021 में “बोट-वैली” रोबोटिक प्लांट ने 18 महीने के रिकार्ड समय में अपना प्रोडक्शन शुरू कर दिया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मंत्र मेक इन इंडिया फॉर द वर्ल्ड के मंत्र को लेकर चल रही एडवर्ब कंपनी सौ प्रतिशत स्वदेशी रोबोट बना रही है। बढ़ती मांग को देखते कंपनी ने “बोट-वर्स” नाम से 15 एकड़ में अपना दूसरा प्लांट शुरू किया है, जिसका उद्घाटन बीते दिनों सीएम योगी ने किया।

मैटेरियल मूवमेंट और मैटेरियल पिकिंग के काम में आते हैं रोबोट

एडवर्ब के रोबोट मैटेरियल मूवमेंट और मैटेरियल पिकिंग के काम में आते हैं। फैक्ट्री, वेयर हाउस, एयरपोर्ट, हॉस्पिटल सहित ऐसे तमाम जगहों पर आज इनकी उपयोगिता सामान को एक जगह से दूसरी जगह पर ले जाने में बढ़ी है। आज उत्तर प्रदेश में बने रोबोट ऑस्ट्रेलिया, सिंगापुर, दुबई, अमेरिका और यूरोप में निर्यात हो रहे हैं।

क्या कहते हैं कंपनी के मुख्य विपणन अधिकारी

मुख्य विपणन अधिकारी सतीश कुमार शुक्ला ने बताया कि एडवर्ब की यात्रा योगी जी के मुख्यमंत्री बनने की यात्रा के साथ शुरू होती है। दिल्ली के छोटे से ऑफिस से निकलकर हमने वर्ष 2017 में नोएडा में किराए पर ऑफिस और फैक्ट्री लेकर अपने सफर की शुरुआत की। हमें उत्तर प्रदेश सरकार की स्टार्टअप नीति से बहुत मदद मिली। सही मायने ने हमारी ग्रोथ ही यूपी से है। ईज ऑफ डूइंग बिजनेस का अनुभव उत्तर प्रदेश से अच्छा कहीं और नहीं मिल सकता है।

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