नौकरी छोड़कर अपने शौक को बनाया कॅरिअर और बन गए बिजनेसमैन
क्या आप कभी सोच सकते है कि कोई बीटेक किया हो अच्छी नौकरी को छोड़कर गार्डनिंग करके एक सफल बिजनेसमैन बन सकता है। क्योंकि बीटेक करने के बाद हर कोई अच्छी नौकरी मिलने के बाद उसे छोड़ना नहीं चाहेगा। मगर लखनऊ के रहने वाले एक शख्स ने b.tech करके अच्छी नौकरी को छोड़कर और ड्रीम को फॉलो करते हुए एक सफल बिजनेसमैन बन चुके है। अच्छी सैलरी पर नौकरी करते हुए भी उनका मन नहीं लगा मन लगा भी तो पेड़-पौधे और प्राकृतिक की सेवा करने मैं। सफलता मिलने के साथ साथ लोगो को अपनी नर्सरी में फ्री में गार्डनिंग करना सिखाते है। ऐसे सफल बिजनेसमैन का नाम है सौरभ त्रिपाठी। सौरभ अपने गार्डनिंग शौक से इतना प्रभावित है कि पहले लोगो के घर-घर जा कर टेरेस गार्डनिंग करना सिखाया करते थे।
नौकरी क्यों छोड़ने पड़ी
लखनऊ के इंदिरानगर के रहने वाले सौरभ त्रिपाठी के पिता चाहते थे कि सौरभ B.tech करके एक अच्छी नौकरी करे। मगर उनकी दिलचस्पी बचपन से ही पेड़-पौधो को लगाने में थी। वो टेरेस गार्डनिंग शौकिया तौर पर किया करते थे। पिता के कहने पर उन्होंने B.tech किया फिर 2008 में प्राइवेट नौकरी कर ली। जब नौकरी की शुरुवात की कि तो 6 महीने बाद ही वैश्विक महामंदी छा गयी जिसके बाद कंपनी ने सौरभ की सैलरी घटाकर 15000 कर दी। सौरभ का इतने कम पैसे में सर्वाइव करना मुश्किल था। जिसपर सौरभ ने नौकरी छोड़ने का फैसला करते हुए नौकरी छोड़ दी। और फिर अपनी हॉबी को फॉलो किया जिसके लिए उन्होंने सबसे पहले अपनी घर की छत को चुना और छत को गार्डेन के रूप में बदल दिया उन्होंने अपनी छत में अलग-अलग किस्म के पौधे लगाए हैं।
सौरभ ने घर की 500 स्क्वायर फीट की छत पर कुछ फल- सब्जियों के पेड़ लगाए, और उन्हें बेचना शुरू कर दिया। सौरभ के इस निर्णय से उनके पिता खुश नहीं थे। मगर वो नहीं रुके और दिन-रात मेहनत करते रहे। जिसके परिणाम स्वरुप उन्हें धीरे-धीरे लोगो का प्यार मिलने लगा। वह लोगो के घर जाकर टेरेसगार्डनिंग सिखाने लगे। उसके बाद उन्होंने हॉर्टीकल्चर और फ्लॉरीकल्चर के क्षेत्र में कदम रखा। जब सौरभ की कमाई थोड़ी ठीक-ठाक होने लगी तो पिता ने भी उनको सपोर्ट किया।
सौरभ ने बताया कि घर पर उगाई ऑर्गेनिक फल-सब्जियों का स्वाद बाजार में मिलने वाली फल और सब्जियों से बिलकुल अलग होता है, शुरुवात के समय में उन्होंने अपने जानने वाले लोगो से र्टिकल गार्डनिंग, लॉन मैनेजमेंट, कस्टमाइज्ड गार्डन आदि का ज्ञान जुटाया। अब वह इसी अनुभव और ज्ञान की मदद से मॉल और होटलों जैसे की सहारा गंज, रेनेसां, जेमिनी कॉन्टिनेंटल आदि जगह गार्डन और लॉन डिजाइन करते हैं।
लोगो को सीखने के लिए एप की शुरुवात
सौरभ ने लोगो को सीखने के लिए एक एप की शुरुवात की जिसके जरिये लोगो को ऑनलाइन सिखाते है कि कैसे गार्डनिंग करी जाती है। सौरभ का मानना है कि गमले या गार्डन में लगाए गए पौधे छोटे बच्चे की तरह नाजुक होते है, इनकी देखभाल भी उसी तरह से की जाती है, जैसे एक नवजात बच्चे को पाला जाता है। ऐसा करने से गार्डन को हरा-भरा रखा जा सकता है।
सौरभ की आज के समय में विकास भवन में भी एक नर्सरी है सरकार ने उन्हें वो जगह लीज पर दी हुयी है। वो लोगो को पेड़-पौधों के लिए जागरूक करने हेतु फ्री में पेड़ बांटते है। लोगो को ज्यादा से ज्यादा प्रेरित करते है, कि अपने टेरेस पर जो खाली एरिया पड़ा है उसे यूज़ करके टेरेस गार्डन बनाये।
बागवानी करके कैसे पैसा कमाए ,
सौरभ का मानना है कि आज कल लोगो के घरो में जगह कम है, तो किस तरह से सिर्फ ग्रो बैग में फल, फूल,सब्जियां और अन्य चीजें उगा सकते है, ये सिखने वाली बात है। मगर जैसा की अन्य क्षेत्रों में काम करने वालो को धैर्य और तकनीक की जरुरत होती है, ठीक उस तरह से बागवानी में भी धैर्य और तकनीक की जरुरत पड़ती है। ऐसे में सौरभ चाहते हैं कि न सिर्फ लोग अपने टेरेस गार्डन को अपने शौक के लिए प्रयोग करें बल्कि सही तरीके से बागवानी कर कमाई भी करें।