कृषि विभाग लगा रहा है तहसील मुख्यालयों पर विशेष शिविर, कोई भी पात्र किसान वंचित न रहे : मंत्री सूर्य प्रताप शाही

प्रधानमन्त्री किसान सम्मान निधि योजना के अन्तर्गत प्रदेश के समस्त पात्र कृषकों को लाभ दिलाने के उद्देश्य से वृहद संतृप्तीकरण अभियान की अवधि को 13 से 23 जून 2023 तक के लिए विस्तृत किया गया है। इस अवधि में तहसील मुख्यालयों पर शिविर लगाकर किसानों की समस्याओं का समाधान किया जाएगा।
उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने बताया कि प्रधानमन्त्री किसान सम्मान निधि योजना 14वीं किश्त भुगतान हेतु पीएम किसान पोर्टल पर किसानों का भूलेख अंकन होना, उनके खातों का आधार सीडिंग, एनपीसीआई लिकिंग होना तथा ई-केवाईसी होना अनिवार्य किया गया है। प्रदेश सरकार की यह मंशा है कि कोई भी पात्र किसान प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के लाभ से वंचित न रहे। इसी उद्देश्य से वृहद संतृप्तीकरण अभियान की अवधि को 13 से 23 जून 2023 तक के लिए बढ़ा दिया गया है। इन दिनों में तहसील स्तर पर किसानों की सुविधा हेतु शिविरों का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने सभी पात्र किसानों से इस सुविधा का लाभ उठाने की अपील की है। जिन व्यक्तियों का विरासत के आधार पर खतौनी में नया नाम चढ़ा है वह भी जन सेवा केन्द्रों अथवा मोबाइल एप के माध्यम से नया पंजीकरण कर सकते हैं।
उन्होंने बताया कि 22 मई से 10 जून तक वृहद संतृप्तीकरण अभियान चलाया गया था। इस अवधि में ग्राम पंचायत स्तर पर कुल 63311 शिविरों का आयोजन किया गया। जिसमें कृषि विभाग के साथ-साथ राजस्व विभाग, ग्राम विकास/पंचायतीराज विभाग, जन सेवा केन्द्र के प्रतिनिधियों एवं इण्डिया पोस्ट पेमेन्ट बैंक के प्रतिनिधियों द्वारा प्रतिभाग किया गया। इन शिविरों कुल 2274940 किसानों की शिकायतें प्राप्त हुई जिसमें से 1832005 शिकायतों का निस्तारण मौके पर ही कर दिया गया। ईकेवाईसी संबंधी 440904 भूलेख अंकन संबंधी 506338 तथा आधार सीडिंग संबंधी 432959 शिकायतें प्राप्त हुई, जिनमें से ईकेवाईसी संबंधी 360171 भूलेख अंकन संबंधी 410154 तथा आधार सीडिंग संबंधी 350090 शिकायतों का समाधान किया गया।
उन्होंने कहा कि इस अभियान के तहत डाकघर के माध्यम से इण्डिया पोस्ट पेमेन्ट बैंक के प्रतिनिधियों द्वारा 288595 किसानों के आधार सीडेड खाते खोले गये। ई-केवाईसी की प्रक्रिया को सरल बनाने के उद्देश्य से भारत सरकार द्वारा विकसित मोबाइल एप के माध्यम से 39320 किसानों की फोटो खींचकर फेसिलय ई-केवाईसी के करायी गयी है।