स्लोगन की दिलचस्प कहानी,एक आर्य की जुबानी

स्लोगन ,किसी भी उत्पाद को ही नही ,राजनीति को भी बदल सकता है,
उदाहरण, आएगा मोदी ही, मोदी है तो मुमकिन है।
अगर ऐसे ही स्लोगन बाकी लोग भी रखें तो कैसा होगा । आइये जाने
सैलून की दुकान का स्लोगन-
हम भी बोझ कम करते हैं , दिल का नही , सिर का।
लाइट क़ी दुकान का-
आपके दिमाग की बत्ती भले ही जले या ना जले,परंतु हमारा बल्ब ज़रूर जलेगा ।
चाय की दुकान का-
मैं भले ही साधारण हूँ, पर चाय स्पेशल बनाता हूँ।
रेस्टोरेंट का-
यहाँ घऱ जैसा खाना नहीं मिलता, आप निश्चिंत होकर अंदर पधारें।
इलेक्ट्रॉनिक दुकान का-
अगर आपका कोई फैन नहीं है तो यहाँ से ले जाइए ।
गोलगप्पे के ठेले का-
गोलगप्पे खाने के लिए दिल बड़ा हो ना हो, मुँह बड़ा रखें, पूरा खोलें।
फल की दुकान का-
आप तो बस पैसे दें, फल हम दे देंगे ।
घड़ी की दुकान का-
भागते हुए समय को बस में रखें, चाहे दीवार पर टांगें, चाहे हाथ पर बांधें।
ज्योतिषी का-
मात्र 101 रुपए में अपनी ज़िंदगी के आने वाले एपिसोड जाने ।
बालों के तेल क़ी कंपनी का-
भगवान ही नहीं, हम भी बाल बाल बचाते हैं।
------------ एक आर्य ---------------------