उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बढ़ती ऊर्जा की जरूरत को पूरा करने में सौर ऊर्जा सबसे बेहतर विकल्प है। प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने में सौर ऊर्जा की भूमिका महत्वपूर्ण होगी। उन्होंने कहा कि स्कूलों में सौर ऊर्जा के उपयोग से बच्चों में जागरूकता आएगी। साथ ही साथ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 500 गीगावाट ग्रीन एनर्जी के प्रयोग में लाए जाने के सपने को भी बढ़ावा मिलेगा। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार अपने सरकारी आवास पर आयोजित एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) हस्ताक्षर कार्यक्रम में कही।
यह एमओयू इंडियन ऑयल, गेल इंडिया और यूपी नेडा के बीच हुआ। इससे रायबरेली के सभी माध्यमिक स्कूलों को सौर ऊर्जा की रोशनी से रौशन होंगे। योजना के पहले चरण में रायबरेली के 200 के करीब माध्यमिक स्कूलों में सौर ऊर्जा संयंत्र लगवाये जा रहे हैं। रायबरेली के सभी माध्यमिक स्कूलों में सोलर प्लान्ट्स का इन्सटालेशन हो जाने के बाद लखनऊ, सीतापुर, बाराबंकी, लखीमपुर खीरी, हरदोई और प्रतापगढ़ के भी सभी माध्यमिक स्कूलों को सौर-उर्जा से आच्छादित होंगे।
सीएम योगी की प्रेरणा से संभव हो पाई योजना: भाजपा एमएलसी
कार्यक्रम में भाजपा एमएलसी अवनीश कुमार सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी की प्रेरणा से स्कूलों को सौर ऊर्जा की रोशनी से रौशन करने की योजना संभव हो पाई है। सभी संयंत्र नेट मीटरिंग से जुड़े होंगे जिससे माध्यमिक स्कूल हर साल अपनी जरूरत की बिजली इस्तेमाल के बाद बाकी बिजली सौर ऊर्जा ग्रिड में देकर आय भी प्राप्त कर सकेंगे। उन्होंने बताया कि योजना का सारा खर्चा विधायक निधि और कम्पनियों के सीएसआर से निकाला जायेगा।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के सलाहकार और वरिष्ठ आईएएस अवनीश अवस्थी, विधान परिषद सदस्य इंजीनियर अवनीश सिंह पटेल, इंडियन ऑयल के अधिशासी अधिकारी संजीव कक्कड़, गेल इंडिया के मुख्य जोनल मैनेजर अमित सिंह और यूपी नेडा के निदेशक अनुपम शुक्ला मौजूद रहे।