पं० दीनदयाल उपाध्याय की जयंती पर वैचारिक गोष्ठी का हुआ आयोजन

पं० दीनदयाल उपाध्याय राज्य ग्राम्य विकास संस्थान बख्शी का तालाब, लखनऊ के परिसर के अन्तर्गत स्थापित पं0 दीन दयाल उपाध्याय जी की प्रतिमा पर संस्थान के अधिकारियों/कार्मिकों द्वारा सोमवार को माल्यार्पण कर श्रद्धासुमन अर्पित किये गये। संस्थान के अन्तर्गत बुद्धा सभागार में, युग पुरूष पं0 दीन दयाल उपाध्याय जी के जन्म जयन्ती के अवसर पर उनके वैचारिक मार्गदर्शन, विचारधारा, राष्ट्रीय भावना एवं एकात्मानववाद के अन्तर्गत “ग्राम स्वराज, कर्मयोग एवं सतत विकास” की वर्तमान परिप्रेक्ष्य में प्रासंगिकता के दृष्टिगत, संस्थान के अपर निदेशक बी0डी0 चौधरी की अध्यक्षता में एक वैचारिक संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
अपर निदेशक बी0डी0 चौधरी द्वारा अपने अध्यक्षीय सम्बोधन में बताया गया कि पं0 दीन दयाल उपाध्याय जी एक प्रखर विचारक, सामाजिक, आर्थिक तथा राजनीतिक चिंतक होने के साथ शिक्षाविद, साहित्यकार, संगठनशिल्पी तथा एक बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे, जिन्होने जीवन पर्यन्त अपनी व्यक्तिगत ईमानदारी व सत्यनिष्ठा को महत्व दिया ।
संस्थान के उप निदेशक डा0 सुरेश सिंह द्वारा पं0 उपाध्याय के जन्म जयन्ती के अवसर पर सभागार में उपस्थित समस्त अधिकारियों/कार्मिकों को सम्बोधित करते हुए कहा कि एकात्म मानववाद के प्रचेता-प्रणेेता पं0 उपाध्याय का मानना था कि अपनी संस्कृति संस्कारों की विरासत के कारण भारत वर्ष विश्व गुरू के स्थान को प्राप्त करेगा।
संस्थान के प्रमुख अधिकारियों द्वारा अपने-अपने विचार इस अवसर पर व्यक्त किये गये। कार्यक्रम का संचालन संस्थान के सहायक निदेशक डा0 एस0 के0 सिंह द्वारा किया गया। कार्यक्रम के आयोजन एवं प्रबंधन के दृष्टिगत संस्थान के सहायक निदेशक डा0 अशोक कुमार, डा0 योगेन्द्र कुमार, डा0 संजय कुमार तथा आलोक कुमार की सराहनीय भूमिका रही।