विशेष खबर

Ashadha Gupt Navratri 2023: गुप्त नवरात्रि में क्या है 10 महाविद्याओं की पूजा का महत्व – मेधज न्यूज़

एक वर्ष में चार नवरात्रि आती हैं। इनमें से चैत्र नवरात्रि और शारदीय नवरात्रि के बारे में ही ज्यादातर लोगों को जानकारी होती है, लेकिन इन दोनों के अलावा माघ और आषाढ़ में भी दो नवरात्रि पड़ती हैं, जिन्हें गुप्त नवरात्रि कहा जाता है। इस बार आषाढ़ माह की गुप्त नवरात्रि 19 जून को आषाढ़ शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से आषाढ़ गुप्त नवरात्रि की शुरुआत हो चुकी है। जिसका समापन 27 जून को होगा। शक्ति साधना का सबसे महत्वपूर्ण नवरात्रि पर्व को सनातन धर्म का सबसे पवित्र और ऊर्जादायक पर्व माना गया है।

गुप्त नवरात्रि में 10 महाविद्या की पूजा का महत्व है। मान्यता है कि इन 10 दिनों में किए गए उपाय कभी भी विफल नहीं जाते हैं। यही नहीं, जो लोग तंत्र मंत्र सीखने की इच्छा रखते हैं, उनके लिए ये दिन बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। इन 10 दिनों में शक्ति के विभिन्न स्वरूपों को प्रसन्न करने के लिए कई उपाय किए जाते हैं। ये 10 महाविद्याएं मां काली, मां तारा, मां त्रिपुर, मां भुनेश्वरी, मां छिन्नमस्तिके, मां त्रिपुर भैरवी, मां धूमावती, मां बगलामुखी, मां मातंगी, मां कमला मां दुर्गा का ही रूप हैं। मान्यता है कि गुप्त नवरात्रि में की गई साधना जन्मकुंडली के समस्त दोषों को दूर करने वाली और धर्म, अर्थ, काम व मोक्ष देने वाली होती है। इस दौरान 25 जून को सर्वार्थ सिद्धि योग का संयोग बन रहा है जबकि पूरे गुप्त नवरात्रि के दौरान 4 रवि योग का संयोग बना है जो बेहद दुर्लभ है। इस नवरात्रि में 20 जून, 22 जून, 24 और 27 जून को रवियोग लग रहा है।

आषाढ़ गुप्त नवरात्रि के उपाय (Ashadha Gupt Navratri Upay)

गुप्त नवरात्रि का खास मंत्र – गुप्त नवरात्रि में दैवीय शक्तियों का जोर रहता है, 9 दिन तक मां दुर्गा के मंत्र ऊँ जयन्ती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी। दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते।। का जाप करने से ये सिद्ध हो जाता है। जाप की संख्या 1 लाख होनी चाहिए। इस मंत्र के फलस्वरूप साधक को ग्रह बाधा, आर्थिक तंगी, शत्रु बाधा से मुक्ति मिलती है।

संतान प्राप्ति के लिए – गुप्त नवरात्रि के दौरान संतान प्राप्ति के लिए 9 दिन मां दुर्गा को पान का पत्ता अर्पित करें। पूजा के दौरान नन्दगोपगृह जाता यशोदागर्भ सम्भवा ततस्तौ नाशयिष्यामि विन्ध्याचलनिवासिनी मंत्र का जाप करें। मान्यता है इससे जल्द घर में किलकारियां गूंजती हैं।

नौकरी में तरक्की – गुप्त नवरात्रि के पहले दिन एक जटा वाला नारियल लाल कपड़े में बांधें। इसके ऊपर 21 बार कलावा लपेटें, फिर 7 बार नारियल को सिर से घुमाकर मां दुर्गा की पूजा स्थान पर रख दें। रोजाना सुंदरकांड का पाठ करें। गुप्त नवरात्रि के समापन पर इस नारियल को बहते पानी में प्रवाहित कर दें। मान्यता है इससे नौकरी में लंबे समय से अटके प्रमोशन के योग बनते हैं।

गुप्त नवरात्रि के दौरान कई शुभ योग

19 जून को गुप्त नवरात्रि के पहले दिन वाशी, सुनफा और वृद्धि योग
21 जून को बुध पुष्य नक्षत्र योग
25 जून को सर्वार्थ सिद्धि योग लगेगा.
27 जून को भड़ली नवमी का शुभ संयोग रहेगा.

गुप्त विद्याओं की साधन
गुप्त अर्थात छिपा हुआ। इस नवरात्रि में गुप्त विद्याओं की सिद्धि हेतु साधना की जाती है। गुप्त नवरात्रि में तंत्र साधनाओं का महत्व होता है और तंत्र साधना को गुप्त रूप से ही किया जाता है। इसीलिए इसे गुप्त नवरात्रि कहते हैं। इसमें विशेष कामनाओं की सिद्धि की जाती है। साधकों को इसका ज्ञान होने के कारण या इसके छिपे हुए होने के कारण इसको गुप्त नवरात्रि कहते हैं।

स्वास्तिक से होगी मनोकामना पूरी
पंडित अजय तिवारी के अनुसार, अगर घर में नकारात्मकता का एहसास होता है, तो पूरी गुप्त नवरात्रि के दौरान घर में लौंग और कपूर के साथ आरती करें। इससे घर में एक सकारात्मक ऊर्जा पैदा होती है। अगर आपकी कोई मनोकामना लंबे समय से पूरी नहीं हो रही है, तो घर के मंदिर में पान के पत्ते पर केसर, चंदन और गाय का घी लगाकर स्वास्तिक का चिन्ह बनाएं। इस पते पर कलावा बांधे और उस पर एक सुपारी रख दें। मान्यता है कि ऐसा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

( नोट: यह खबर मान्‍यता पर आधारित है, मेधज न्‍यूज़ इसकी पुष्टि नहीं करता है।)

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button