राज्यउत्तर प्रदेश / यूपी

पौधरोपण कर पृथ्वी के बढ़ते तापमान एवं हो रहे जलवायु परिवर्तन को रोकने में बने सहभागी

उत्तर प्रदेश के पर्यावरण, वन, जन्तु उद्यान एवं जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डा0 अरूण कुमार सक्सेना ने वन विभाग मुख्यालय अवस्थित पारिजात कक्ष में वृक्षारोपण अभियान, 2023 की तृतीय समन्वय बैठक को सम्बोधित करते हुए प्रतिभागियों से कहा कि वृक्षारोपण कार्य मात्र राजकीय दायित्वों का निर्वहन ही नही है, अपितु यह आप सबका पावन कर्तव्य भी है।

डा0 सक्सेना ने कहा कि प्रत्येक आयु वर्ग के विद्यार्थियों, महिलाओं, युवाओं, वरिष्ठ नागरिकों, उद्योगों सहित समाज के समस्त वर्गों में वृक्षारोपण व वृक्षों के प्रति जागरूकता व संरक्षण की भावना उत्पन्न कर वृक्षारोपण अभियान में सहयोग प्राप्त किया जा सकता है। उन्होंने वृक्षारोपण अभियान, 2023 के अन्तर्गत कक्षा-6 से कक्षा-8 तक के विद्यार्थियों को अपने आवास पर पौधे रोपित करने हेतु निःशुल्क फलदार पौधे उपलब्ध करवाने, आवासीय कालोनियों के पार्क में वरिष्ठ नागरिकों से बेल, नीम, हर्र, बहेड़ा सहित विभिन्न औषधीय पौधों के रोपण का अनुरोध करने, चिकित्सालयों व स्वास्थ्य केन्द्रों में आने वाले रोगियों के तीमारदारों को छाया उपलब्ध करवाने हेतु छायादार पौधों का रोपण, कम स्थान उपलब्ध होने की स्थिति में सघन वृक्षारोपण व समाज के विभिन्न वर्गों विशेषकर निर्धन व निर्बल वर्ग के सदस्यों को पोषक तत्वों से भरपूर सहजन की पौध उपलब्ध करवाने, औषधीय, ऑक्सीजन आपूर्ति, स्थानीय सूक्ष्म जलवायु में सुधार, सड़क चौड़ीकरण में कटने वाले वृक्षों के स्थान पर पौध रोपण एवं जल स्रोतों-नदी, तालाब व नहर के पुनर्जीवन व अविरल व निर्मल प्रवाह सुनिश्चित करने के लिए तटों पर पौधरोंपण हेतु सम्बन्धित विभागों को ससमय् व समयबद्ध रूप से तैयारी करने का निर्देश दिया।

पर्यावरण एवं वन मंत्री ने कहा कि हम सब अनुभव कर रहे हैं कि प्रत्येक वर्ष तापमान में वृद्धि होने के साथ ही मौसम चक्र में अनियमितता के परिणामस्वरूप वर्षाकाल की अवधि में परिवर्तन हो गया है। मौसम चक्र में परिवर्तन का मुख्य कारण वातावरण में कार्बन डाई ऑक्साईड की मात्रा में वृद्धि के कारण पृथ्वी के तापमान में वृद्धि व जलवायु परिवर्तन है। उन्होनें कहा कि जलवायु परिवर्तन के प्रतिकूल प्रभावों को रोकने का उत्तरदायित्व प्रत्येक व्यक्ति का है तथा इस दिशा में हम सबको मिलजुल कर प्रयास करने की आवश्यकता है।

इस अवसर पर स्टाम्प व न्यायालय शुल्क तथा पंजीयन राज्य मंत्री(स्वतंत्र प्रभार) रवीन्द्र जायसवाल ने कहा कि वृक्षारोपण, जल संरक्षण, पृथ्वी व पर्वत को उच्च स्थान प्रदान करना एवं पर्यावरण संरक्षण हमारी परम्परा व संस्कृति के अविभाज्य अंग हैं। उन्होने कहा कि वृक्षारोपण को जन संवेदना से जोड़ने, पितृ विसर्जन के अवसर पर पितरों को जल देने के साथ पौध रोपण व सिंचन, दुर्गम पठारी क्षेत्रों में पीपल, बरगद व पाकड़ के बीजों का हवाई छिड़काव एवं वृक्षारोपण व सुरक्षा में आवासीय कालोनियों के निवासियों की सहभागिता प्राप्त कर प्रदेश में हरियाली में वृद्धि करने में सफलता प्राप्त कर सकते हैं।

प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं विभागाध्यक्ष ममता संजीव दूबे ने खनन के समय अनापत्ति प्रमाण पत्र के साथ दिए गए वृक्षारोपण के लक्ष्य का अनुश्रवण, खनिज विकास फण्ड व सीएसआर फण्ड के माध्यम से वृक्षारोपण की सुरक्षा, उद्योगों को लाइसेंस/क्लीयरेंस देते समय मियावॉकी पैटर्न पर वृक्षारोपण, फाइटोरेमीडिएशन पौध की सूची सम्बन्धित विभाग को उपलब्ध करवाने, जिला आयुष अधिकारी को सूची के अनुसार औषधीय पौधे उपलब्ध करवाने एवं परिवहन डिपो के समीप वृक्षारोपण करने हेतु प्रभागीय वनाधिकारियों व सम्बन्धित विभागों को निर्देशित किया। दूबे ने कहा कि वृक्षारोपण के प्रमुख उद्देश्यों में जल स्तर में सुधार, वातावरण से कार्बन पृथक कर संग्रहीत करना एवं हरीतिमा वृद्धि शामिल है। उन्होंने कहा कि वृक्षारोपण मात्र राजकीय कार्य ही नहीं है अपितु यह जीवन बचाने की गतिविधि है।

मुख्य वन संरक्षक, अनुश्रवण एवं मूल्यांकन, सुनील दूबे ने विभिन्न विभागों को पौध रोपण का आवंटित लक्ष्य एवं नोडल वनाधिकारियों का दायित्वों से अवगत कराते हुए कहा कि समस्त विभाग जनपद स्तर पर नोडल अधिकारी नामित करने के साथ ही वृक्षारोपण कार्ययोजना तैयार करें।

वृक्षारोपण अभियान, 2023-समन्वय बैठक में उद्योग, औद्योगिक विकास एवं स्थापना आवास विकास, नगर विकास, लोक निर्माण विभाग, जल शक्ति, ऊर्जा, स्वास्थ्य, सहकारिता, श्रम, परिवहन तथा भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने प्रतिभाग किया।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button