अनुमान के मुताबिक पिछले 70 साल तक कोई वैज्ञानिक बरमूडा ट्रायंगल जाकर इस रहस्य से पर्दा उठाने की हिम्मत नहीं दिखा पाया हैं। क्योंकि वहां से गुजरने वाले समुद्री विमान और प्लेन विशेष भौगोलिक कारणों की वजह से अचानक समुद्री गर्त में घुसकर गायब हो जाते थे। लोग इन जहाजों के गायब होने की वजह को रहस्य मानते रहे। बरमूडा ट्रैंगल को शैतान के त्रिकोण के नाम से भी जाना जाता है। यह क्षेत्र उत्तर पश्चिम अटलांटिक महासागर का एक भाग है, जिसमें कई प्लेन और समुद्री विमान गायब हुए हैं।
बरमूडा ट्रायंगल, अटलांटिक सागर का एक हिस्सा है। क्योंकि इसका आकार ट्रायंगल की तरह है। बरमूडा ट्रायंगल कहलाता है। उत्तर अटलांटिक महासागर में स्थित ब्रिटेन का प्रवासी क्षेत्र है। सबसे पहले इसकी खोज या यूं कहिए इसकी जानकारी क्रिस्टोफर कोलंबस ने दुनिया को दी थी। उन्होंने अपने लेखों के माध्यम से बताया था कि किस तरह की घटनाएं बरमूडा ट्रायंगल में होती हैं। हालांकि इस बात की कोई पुख्ता जानकारी नहीं है। लेकिन हैरत की बात ये है कि पिछले 100 सालों में इसमें 75 हवाई जहाज और 100 से ज्यादा छो बड़े जहाज समा चुके हैं। 1000 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। यही कारण है कि यह एक मिस्ट्री या रहस्य बना हुआ है।
मुताबिक बरमूडा ट्रायंगल एक ऐसे क्षेत्र में आता है, जहां पर हद से ज्यादा मैग्नेटिक डिस्टर्बेंस है। इस क्षेत्र में 250 किलोमीटर से भी तेज रफ्तार में हवाएं चलती हैं। और समुद्र की लहरें करीब 50 फीट तक ऊपर उठ जाती हैं। इस वजह से अक्सर जहाज और कई एयरक्राफ्ट बरमूडा ट्रायंगल में गायब हो जाते हैं।