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पौराणिक एवं धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण अयोध्या का भरतकुंड

भरतकुण्ड अयोध्या जनपद के नंदीग्राम में स्थित है। नंदीग्राम विशेष रूप से राजा भरत और भगवान श्री राम के वनवास के समय की महत्वपूर्ण घटनाओं से जुड़ा हुआ है। नंदीग्राम जिला मुख्यालय अयोध्या शहर से 19 किमी की दूरी पर स्थित है।

राजा भरत का नंदीग्राम से सम्बन्ध

राजा भरत, भगवान श्री राम के वनवास के दौरान उनकी खड़ाऊ को अयोध्या के सिंहासन पर रखकर 14 साल तक नंदीग्राम में रहे थे। इस समय, राजा भरत ने अयोध्या की राजधानी के बजाय भगवान श्री राम के प्रतिनिधि के रूप में नंदीग्राम से शासन किया था। अर्थात नंदीग्राम वह स्थल है जहां राजा भरत ने भगवान श्री राम के नाम पर राज्य का प्रशासन किया था।

राजा दशरथ के पिंडदान का स्थल

पिता राजा दशरथ की मृत्यु के बाद राजा भरत ने नंदीग्राम में ही एक कुंड की स्थापना करवाई, जिसे आज भरत कुंड के नाम से जाना जाता है। भगवान श्रीराम ने भी पिता दशरथ का पिण्डदान करने के लिए इसी कुंड का उपयोग किया था। भरतकुण्ड में पिण्डदान करने का फल गया के समान है और इस स्थल पर श्रद्धालुओं की भीड़ रहती है जो अपने पूर्वजों का पिण्डदान करते हैं और उनके मोक्ष की कामना करते हैं।

अन्य महत्वपूर्ण स्थल

भरतकुण्ड के बाहर भगवान शिव का प्राचीन मंदिर स्थित है, साथ ही भरतकुण्ड में वह पावन कुंआ भी है जिसमें भरत जी ने भगवान श्रीराम के राज्याभिषेक हेतु 27 तीर्थो का जल एकत्र किया। भरतकुण्ड का दर्शन करने वाले श्रद्धालु इस पावन कुएं का जल ग्रहण करते हैं।

भरतकुण्ड व नंदीग्राम का महत्व

भरतकुण्ड व नंदीग्राम हमारी संस्कृति और ऐतिहासिक धरोहर का हिस्सा है। स्थानीय लोग और श्रद्धालु इसे एक गौरव के रूप में देखते हैं और धार्मिक और सांस्कृतिक प्रथाओं का पालन करते हैं। भरतकुण्ड की यात्रा एक अनूठा अनुभव प्रदान करती है, और यह गांव उत्तर प्रदेश के अयोध्या जनपद का गर्व है।

धार्मिक पर्यटन स्थल

नंदीग्राम उत्तर प्रदेश के धार्मिक पर्यटन का महत्वपूर्ण स्थल है। यहां के धार्मिक स्थल, पुन्य कुंड, और मंदिरों का दर्शन करने से श्रद्धालुओं का मानसिक और आत्मिक विकास भी होता है। इसके अतिरिक्त यहां के स्थलीय बाजार स्थानीय वस्त्र और हस्तशिल्प के उत्कृष्ट उत्पाद के लिए प्रसिद्ध हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

नंदीग्राम का राजा भरत से क्या संबंध है?

नंदीग्राम वह स्थल है जहां राजा भरत ने भगवान श्री राम के नाम पर राज्य का प्रशासन किया था।

भरतकुण्ड के पावन कुएँ का महत्व क्या है?

भरतकुण्ड के पावन कुएँ में भरत जी ने भगवान श्रीराम के राज्याभिषेक हेतु 27 तीर्थो का जल एकत्र किया।

भरतकुण्ड का महत्व क्या है?

भरतकुण्ड में पिण्डदान करने का फल गया के समान है और इस स्थल पर श्रद्धालुओं की भीड़ रहती है जो अपने पूर्वजों का पिण्डदान करते हैं और उनके मोक्ष की कामना करते हैं।

नंदीग्राम में कौनकौन से प्रमुख पर्यटन स्थल हैं?

नंदीग्राम में भरतकुण्ड, भगवान शिव का प्राचीन मंदिर और पावन कुंआ इत्यादि महत्वपूर्ण स्थल है।

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