Birthday special : दर्शकों को डरावनी दुनिया से रूबरू कराने वाले बेताज बादशाह तुलसी रामसे
अरसे पहले तुलसी भी हॉरर के बेताज बादशाह बने थे?
भारतीय सिनेमा का इतिहास न तो सिर्फ उन्नति और प्रगति से भरा हुआ है, बल्कि उसमें अनगिनत कलाकारों ने अपने कले के माध्यम से नई दुनियां बनाई है। इसमें से एक ऐसे नायक की बात हो रही है, जिसने भारतीय फिल्म उद्यम में भूतों और भयानकता के क्षेत्र में अपनी छाप छोड़ी। वे हैं निर्देशक तुलसी रामसे, जिन्हें आज भी भूत-प्रेत की दुनिया में हॉरर के बेताज बादशाह के रूप में याद किया जाता है। उनके अनूठे अंदाज़, रहस्यमयी कहानियां, और डरावनी प्रतिभा ने भारतीय सिनेमा के इतिहास में एक अलग मकाम हासिल किया।
नायक तुलसी रामसे 29 जुलाई 1944 को प्रसिद्ध रामसे परिवार में पैदा हुए थे। उनके पिता फीरोज खान रामसे भी एक फिल्मी कलाकार थे और इसी वजह से उनके बचपन से ही फिल्मों के प्रति रुचि बढ़ी थी। उन्होंने बॉम्बे फिल्म इंडस्ट्री के संपर्क में आने के बाद, अपने बड़े भाई फिल्म निर्माता-निर्देशक फीरोज रामसे के साथ कुछ फिल्मों में सहायक निर्देशक के तौर पर काम किया।
तुलसी रामसे की फिल्मी करियर की शुरुआत उनके भाई के साथ मिलकर बनाई गई फिल्म “दो राहें” से हुई, जो 1971 में रिलीज़ हुई थी। फिल्म चारित्रिक थी और उसमें नाना पाटेकर और शत्रुघ्न सिन्हा जैसे जाने-माने कलाकार भी थे। हालांकि, इस फिल्म की उड़ान भरने में कामयाबी नहीं मिली और बाद में उन्हें हॉरर जनर के तहत नया मुकाम मिला।
तुलसी रामसे ने 80 और 90 के दशक में हॉरर शैली में कई फिल्में निर्देशित की। इनमें से कुछ प्रसिद्ध फिल्में थीं “तहखाना”, “पुराना मंदिर”, “वीराना”, “बंद दरवाजा” और अन्य। इन फिल्मों में भूत-प्रेत की भयानक कहानियां और रहस्यमयी तस्वीरें दर्शकों को कायरता से नहीं, बल्कि उत्साह से देखने के लिए मजबूर कर देती थीं।
तुलसी रामसे के कारणवश हीरो-हीरोइन जोड़ियों की फिल्में कामयाब नहीं हो पाईं, लेकिन उनके हॉरर फिल्में दर्शकों के बीच काफी पसंदीदा थीं। उनके निर्देशन में बनी फिल्में दर्शकों के दिलों में उस समय की अलग छाप छोड़ गई थीं और आज भी वे याद की जाती हैं। तुलसी रामसे के निर्देशन में बनी फिल्मों के लिए उन्हें एक हॉरर के बेताज बादशाह के रूप में याद किया जाता है, जिन्होंने अपनी विशेष पहचान बनाई और फिल्मी इतिहास में अद्भुत यादों को सजाया।
तुलसी द्वारा बनायी गयी कुछ भूतिया फिल्में-
1. भूतों से जुड़ी डरावनी दास्तानें: तुलसी रामसे का परिचय
2. बचपन से फिल्मों के दीवाने: नायक तुलसी की शुरुआत
3. भूतों के संसार में माहिर: तुलसी रामसे के नए अंदाज
4. शैतानी खिलौने और मासूम मुस्कान: हॉरर की दुनिया में तहखाना
5. अतीत की छाया और रहस्यमय अजूबे: पुराना मंदिर की कहानी
6. भूतिया हस्पताल और डरावने रहस्य: होटल में रहती आत्माएं
7. भूल भुलैया और भूतिया खेल: नायक तुलसी की अनोखी दास्तानें
8. आत्माओं की मसानी और वेताल का खज़ाना: नायक तुलसी के हॉरर वीराने
9. रहस्यमय गुफा और भूतिया जंगल: नायक तुलसी के काले रंगीन सफर
10. एकाध कहानी, कई चेहरे: तुलसी रामसे के चुनिंदा हॉरर किस्से
11. नायक तुलसी और उनके राज़ीनामे: हॉरर के शहंशाह का सफल सफर
12. आत्मा से मुलाकात और भूतिया संवाद: तुलसी रामसे के आख़िरी सफर
13. फिल्मी संसार का अलविदा: नायक तुलसी के दरिया में हुए डूबे
14. नायक तुलसी की विरासत और फिल्मी जगत का आभूषण: एक संधर्भीय
समाप्ति विचार
तुलसी रामसे की दर्दनाक मृत्यु ने भारतीय सिनेमा को एक बड़ी क्षति पहुंचाई। उनके निधन से फिल्मी संसार ने एक सच्चे कलाकार को खो दिया। हालांकि, उनकी फिल्में आज भी हॉरर जनर में अपनी अलग पहचान बनाए हुए हैं और इन्हें देखकर लोग उनकी यादों को ताज़ा करते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
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क्या तुलसी रामसे ने कभी अभिनय किया था? नहीं, तुलसी रामसे का अभिनय करना उनकी पसंदीदा नहीं था। वे अपने परिवार के फिल्म उद्यम में निर्देशक के रूप में काम करना पसंद करते थे।
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तुलसी रामसे की सबसे प्रसिद्ध फिल्म कौन सी थी? तुलसी रामसे की सबसे प्रसिद्ध फिल्में में “वीराना”, “तहखाना”, “पुराना मंदिर”, और “बंद दरवाजा” शामिल हैं। ये सभी हॉरर फिल्में दर्शकों के बीच बहुत पसंद की जाती हैं।
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क्या तुलसी रामसे ने कभी तांत्रिक या भूत-प्रेतों की दुनिया के अलावा कोई अन्य जनर की फिल्म निर्देशित की थी? जी हां, तुलसी रामसे ने कुछ अन्य जनर की फिल्में भी निर्देशित की थीं, जैसे कि एक्शन, क्राइम, और ड्रामा। हालांकि, उनकी सबसे प्रसिद्ध फिल्में हॉरर जनर में थीं।
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तुलसी रामसे की मृत्यु कब हुई थी? तुलसी रामसे का निधन 13 दिसंबर 2018 को हुआ था। उनकी दर्दनाक मृत्यु से भारतीय सिनेमा ने एक अनमोल कलाकार को खो दिया।
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तुलसी रामसे के बेटे कौन हैं? तुलसी रामसे के पुत्र एफयू रामसे थे, जो भी एक फिल्म निर्माता-निर्देशक थे। उनके साथ अन्य छह भाईयों के नाम हैं – कुमार रामसे, श्याम रामसे, केशु रामसे, अर्जुन रामसे, गंगू रामसे और किरण रामसे।
सारांश
तुलसी रामसे ने भारतीय सिनेमा में हॉरर जनर को नई पहचान दी और उनकी फिल्में आज भी लोगों की यादों में बसी हुई हैं। उनके अनूठे अंदाज़ और डरावनी कहानियों ने फिल्मी संसार में एक अलग छाप छोड़ी है। तुलसी रामसे को हॉरर फिल्मों का जन्मदाता कहना कोई ग़लत नहीं होगा, और उनकी फिल्मों के लिए उन्हें हॉरर के बेताज बादशाह के रूप में याद किया जाएगा।