Uniform Civil Code, में बीजेपी को आप की जरुरत, क्या होंगे एक साथ
भारतीय जनता पार्टी के मैनुफेस्टो (अजेंडे) में तीन मुख्य काम थे जिसमे से धारा ३७० और राम मंदिर हो चूका है अब बारी यूनियन सिविल कोड ( Uniform Civil Code ) की। 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा इस दिशा में आगे बढ़ेगी, हालांकि सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या सत्तारूढ़ पार्टी के पास इसे संसद से पारित कराने के लिए पर्याप्त संख्या है? लोकसभा में तो भाजपा के पास स्पष्ट बहुमत है । क्या भारतीय जनता पार्टी , ३७० पर लाये गए बिल की तरह पहले राज्य सभा में लाएगी ?, बाबा साहब भीम राव आंबेडकर भी यूनियन सिविल कोड के पक्ष में थे। सदन के आगामी सत्र में इस पर बिल भी लाया जा सकता है जो सम्भतः जुलाई २०२३ में आरम्भ होगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में सभी भारतीयों के लिए समान नागरिक संहिता पर स्पष्टता से बात की है, दिल्ली और पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार है और उनके बयान से नए संकेत मिल रहे हैं। अरविंद केजरीवाल की पार्टी के एक बड़े नेता ने एक दिन पहले ही कहा कि वह सैद्धांतिक रूप से समान नागरिक संहिता की मांग का समर्थन करते हैं लेकिन यह भी कहा कि इस मामले पर सभी पक्षों के साथ आम सहमति के प्रयास होने चाहिए।
उच्च सदन में इस समय 237 सदस्य हैं और 8 सीटें खाली हैं। खाली सीटों में दो नॉमिनेट मेंबर भी शामिल हैं। ऐसे में बहुमत का आंकड़ा 119 होता है। भाजपा के पास 92 सांसद हैं। उसके सहयोगी AIADMK के पास चार और सात अन्य छोटी पार्टियों से 1-1 समर्थन हासिल है। यह नंबर बढ़कर 103 पहुंच जाता है। इसमें एक निर्दलीय सांसद और पांच नॉमिनेटेड सदस्यों का सपोर्ट भी ले लीजिए। लेकिन अब भी भाजपा बहुमत के आंकड़े से 10 सदस्य कम है। वैसे, नवीन पटनायक की पार्टी बीजू जनता दल ने संकेत दिया है कि वह ऐसे बिल पर भाजपा का समर्थन कर सकती है। उसके 9 सांसद हैं। फिर भी भाजपा बॉर्डर तक ही पहुंच पा रही है। जगन मोहन रेड्डी की वाईएसआर कांग्रेस पार्टी ने कई मौकों पर भगवा दल को सपोर्ट किया है लेकिन वह यूनिफॉर्म सिविल कोड पर समर्थन नहीं करेगी।
आम आदमी पार्टी के पास 10 सांसद हैं, जिसमें तीन दिल्ली से और सात पंजाब से हैं। आम आदमी पार्टी ने यह स्टैंड ऐसे समय में लिया है जब कांग्रेस समेत कई विपक्षी दल 2024 के लिए एकजुट होने की कोशिश कर रहे हैं। AAP के संकेत से ऐसा लग रहा है कि वह बहुमत के आंकड़े तक पहुंचाने के लिए यूनिफॉर्म सिविल कोड पर भाजपा को सपोर्ट कर सकती है। वैसे दिल्ली में केंद्र के अध्यादेश के मुद्दे पर दोनों पार्टियों में ठनी हुई है। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह होगा कि क्या AAP ऐसे किसी बिल का समर्थन करेगी, जो उसकी धुर विरोधी भाजपा का चुनावी एजेंडा रहा है?
उधर कांग्रेस ने दिल्ली अध्यादेश के मुद्दे पर आम आदमी पार्टी को समर्थन नहीं दिया है। ऐसे में केजरीवाल की पार्टी ने इशारा किया है कि उसके लिए कांग्रेस के किसी भी गठबंधन में शामिल होना काफी मुश्किल हो जाएगा। जुलाई के तीसरे हफ्ते में संसद का मॉनसून सत्र शुरू होने वाला है और राज्यसभा की 10 सीटों पर जल्द ही चुनाव होने हैं। इन 10 सीटों में से छह बंगाल में, तीन गुजरात में और एक गोवा में हैं। बंगाल की सीटों में से 5 तृणमूल कांग्रेस के पास हैं और एक कांग्रेस के पास। हालांकि इस बार भाजपा को बंगाल से पहला राज्यसभा सांसद मिल सकता है।