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BSF में शामिल हुआ 3 नए फ्लोटिंग बार्डर आउट-पोस्ट स्वदेशी जहाजों का बेड़ा, सेना की बढ़ी ताकत

नई दिल्ली | सीमा सुरक्षा बल ( BSF ) को 26 जनवरी को कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड ( CSL ) से तीन नए फ्लोटिंग बॉर्डर आउट-पोस्ट ( FBOP ) जहाज मिले हैं, जबकि आने वाले महीनों में तीन और जहाजों की डिलीवरी की संभावना है। CSL ने यह जानकारी दी है। सीएसएल को ऐसे 9 एफबीओपी बनाने का ऑर्डर मिला है।

गृह मंत्रालय ने मार्च 2019 में BSF की जल शाखा के लिए नौ एफबीओपी के डिजाइन, निर्माण और आपूर्ति के आदेश दिए थे। 46 मीटर की कुल लंबाई और 12 मीटर की चौड़ाई वाले एफबीओपी को भारत के अंतदेर्शीय जल में विशेष रूप से कच्छ (गुजरात) के क्रीक क्षेत्र और पश्चिम बंगाल के सुंदरबन में तैनाती के लिए डिजाइन किया गया है।

जहाजों को सीएसएल द्वारा इन-हाउस डिजाइन किया गया है और शिपिंग के भारतीय रजिस्टर द्वारा वर्गीकृत किया गया है। प्रत्येक एफबीओपी पोत को चार तेज गश्ती नौकाओं के लिए भंडारण व्यवस्था के साथ डिजाइन किया गया है, जिसमें अपने स्वयं के डेविट सिस्टम का उपयोग किया जा सकता है। पोत तेज गश्ती नौकाओं के फ्लोटिला के लिए फ्लोटिंग बेस के रूप में कार्य करेगा। जहाज छोटी नावों को पेट्रोल, ताजे पानी और प्रावधानों की आपूर्ति करना है। फ्लोटिंग बीओपी नदियों, नालों और समुद्र में चलने वाली पोस्ट हैं, जो एक जगह से दूसरी जगह जा सकती हैं।

बांग्लादेश से सटे पश्चिम बंगाल के दक्षिणी भाग का एक बड़ा क्षेत्र मैंग्रोव-वन, सुंदरवन में आता है। इसके अलावा बंगाल की खाड़ी में नदियों के मिलने से यहां एक बड़ा डेल्टा भी बनता है। ऐसे में BSF ने इस इलाके में स्थायी चौकी बनाने की बजाय जहाज को ही पानी में तैरते बीओपी में तब्दील कर दिया।

सुंदरबन की तरह पाकिस्तान से सटे गुजरात का सर क्रीक क्षेत्र भी नदियों और नालों से आच्छादित या कवर्ड है। ऐसे में बीएसएफ ने वहां स्थायी सीमा चौकियों के साथ फ्लोटिंग-बीओपी भी तैनात कर दी है। कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड, पूरी तरह से केंद्र सरकार के स्वामित्व वाली एक जहाज निर्माण कंपनी है और पिछले तीन दशकों में कंपनी भारतीय जहाज निर्माण और जहाज मरम्मत उद्योग में एक अग्रदूत के रूप में उभरी है।

यह यार्ड भारत में सबसे बड़े जहाजों का निर्माण और मरम्मत कर सकता है। पहला ग्रीनफील्ड और वर्तमान में भारत में सबसे आधुनिक जहाज निर्माण यार्ड, उच्च गुणवत्ता वाले जहाजों के निर्माण के लिए इसकी एक बड़ी प्रतिष्ठा बन चुकी है।


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