आलू-टमाटर-तेल से लेकर आटा-चावल-दाल तक के बढ़े दाम

पूरे साल महंगाई की पिच पर आलू-प्याज-टमाटर के साथ-साथ दाल, तेल, आटा और चाय खुलकर बैटिंग करते रहे। प्याज और टमाटर ने जहां शतक लगाया तो वहीं आलू भी कई महीने तक लगातार हाफ सेंचुरी पर टिका रहा। हालांकि साल 2020 के अंतिम हफ्ते में सब्जियों की कीमतों ने थोड़ी राहत जरूर पहुंचाई है। अगर पिछले एक साल में आवश्यक वस्तुओं की कीमतों पर नजर डालें तो आज की डेट में प्याज और गेहूं को छोड़ सभी की कीमतों में करीब 30 फीसद तक इजाफा हुआ है। उपभोक्ता मंत्रालय की वेबसाइट पर दिए गए 114 केंद्रों के आंकड़ों के मुताबिक 23 दिसंबर 2019 की तुलना में 23 दिसबंर 2020 को गेहूं के दाम 4 फीसद कम हुए हैं तो प्याज की कीमतें 58 फीसद गिरी हैं। पिछले साल 23 दिसंबर को प्याज का औसत मूल्य 98.67 रुपये किलो था जबकि अब यह 40.82 रुपये किलो पर आ चुका है। इस समयावधि में टमाटर के रेट में 21 फीसद और आलू के भाव में करीब 21 फीसद की बढ़ोतरी हुई। इसी अवधि में खुली चाय में करीब 13 फीसद की बढ़त हुई है। यह 218 रुपये किलो से 248 रुपये प्रति किलो पर पहुंच गई।
एक साल में अधिकतर खाद्य तेलों के भावों में तेजी देखी गई। पैक पाम तेल 83 रुपये से 106 रुपये, सूरजमुखी तेल 101 से 130 और सरसों तेल 115 से 138 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गया। वहीं मूंगफली तेल की कीमतों में करीब 16 फीसद की बढ़ोतरी हुई। वनस्पति तेल 25 फीसद महंगा होकर 84 से 105 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गया। गुड़ और नमक भी इस दौरान महंगे हुए। मंत्रालय की वेबसाइट पर दिए गए ताजा आंकड़ों के मुताबिक इस अवधि में गेहूं के भाव में 4 फीसद की गिरावट आई है। इससे गेहूं सस्ता होकर 27.64 रुपये प्रति किलो पर आ गया है। हालांकि खुदरा बाजार में आटा महंगा हुआ है। अगर दालों की बाद करें तो अरहर यानी तूअर की दाल में करब 19 फीसद का इजाफा हुआ। अरहर दाल 88.82 रुपये किलो से 104.87 रुपये पर पहुंच गया। उड़द दाल 98 से 108, मूंग दाल 90 से 104, मसूर की दाल 65 से 79 रुपये पर पहुंच चुका है। वहीं अगर चीन के रेट के बारे में बात करें तो इस दौरान चीनी दो फीसद और दूध 8 फीसद महंगा हुआ।