कनाडा भारत के सामने झुका, स्कॉटलैंड में हुआ बवाल
भारत और कनाडा के बीच तनाव चरम पर है। इस तनाव के बीच कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भारत पर निज्जर की हत्या का आरोप लगाने के करीब 11 दिन बाद रिश्ते बेहतर करने की बात कही है उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर भारत का महत्व लगातार बढ़ रहा है। ऐसे में जरूरी है कि कनाडा और उसके सहयोगी ग्लोबल स्टेज पर भारत के साथ मिलकर काम करें। इसी बीच में ब्रिटेन में भारतीय उच्चायुक्त विक्रम दोराईस्वामी को खालिस्तानियों ने स्कॉटलैंड के एक गुरुद्वारे में जाने से रोक दिया। ये वही गुरुद्वारा है, जहां दोराईस्वामी खालिस्तान गतिविधियों को लेकर गुरुद्वारा समिति के साथ बैठक करने आए थे। न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक, भारत ने ब्रिटेन के विदेश मंत्रालय के सामने पूरे मामले पर आपत्ति जताई है।
जानकारी के लिए आपको बता दे कि हाई कमिश्नर को रोकने वालों में शामिल एक खालिस्तानी समर्थक ने कहा है कि हमें पता चला था की भारत के राजदूत यहां आने वाले हैं। हमारे रोके जाने पर वो कार में बैठकर वापस चले गए। गुरुद्वारे में आने वाले भारत सरकार के किसी भी शख्स के साथ यही होगा, चाहें वो किसी भी बहाने से यहां आ रहे हों। हमें पता है कि वो क्या करना चाह रहे हैं। कनाडा में जो हुआ वो हमने देखा। कनाडा के PM ने साफ तौर पर भारत की निंदा करते हुए उनके डिप्लोमैट को निकाल दिया। ऐसे में उन्हें गुरुद्वारे में आने का न्योता देना बेहद गलत है।
इस घटना के बाद बीजेपी नेता मनिंदर सिंह सिरसा ने कहा है कि स्कॉटलैंड में जो हुआ मैं उसकी निंदा करता हूं। गुरुद्वारा में किसी को भी आने-जाने का पूरा हक है। हमारे धर्म में हिंसा फैलाने के लिए नहीं कहा जाता बल्कि हम मानवता की रक्षा करते हैं। PM मोदी ने भी हमारे समुदाय की तारीफ की थी। सिखों के लिए भारत ही सबसे सुरक्षित जगह है। यह घटना मार्च में लंदन में भारतीय उच्चायोग पर हुए हमले के बाद दूसरी बड़ी घटना है। मार्च में खालिस्तानी समर्थकों ने भारतीय हाई कमीशन पहुंचकर वहां तोड़फोड़ की थी। इसके बाद वहां लगा तिरंगा भी उतार दिया था। ये भारत में अमृतपाल सिंह पर चल रही कार्रवाई का विरोध कर रहे थे। इसके बाद पहली बार NIA की टीम देश से बाहर जांच के लिए गई थी।