कनाडा ने भारतीय स्टार्टअप्स में किया 21,400 करोड़ रुपये का निवेश, विवाद के बाद क्या होगा असर?
खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की कथित हत्या को लेकर भारत और कनाडा के बीच तनाव है। भारत ने इस मामले में सख्त रुख अपनाते हुए कहा है कि कनाडा आतंकियों के लिए सुरक्षित पनाहगाह बन गया है।
यह विवाद 18 सितंबर को कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के एक बयान के बाद शुरू हुआ। इसका असर अब स्टार्टअप कंपनियों पर देखने को मिल रहा है।
कनाडा पेंशन प्लान इन्वेस्टमेंट बोर्ड ने कई भारतीय स्टार्टअप कंपनियों में निवेश किया है जो स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध नहीं हैं, जिनमें ई-कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट और ऑनलाइन बीमा और दावा प्रबंधन उद्यम स्टार्टअप एको शामिल हैं। इसमें ई-एजुकेशन स्टार्टअप बायजू भी शामिल है।
कनाडा पेंशन प्लान इन्वेस्टमेंट बोर्ड (CPPIB) ने भारतीय स्टार्टअप्स में 21,440.5 करोड़ रुपये का निवेश किया है। ये बातें स्टार्टअप ट्रैकर ट्रैकसन के डेटा से सामने आई हैं।
कनाडा पेंशन प्लान इन्वेस्टमेंट बोर्ड का सबसे बड़ा निवेश एरुडिटस में है, जिसमें फंड ने 7,633 करोड़ रुपये का निवेश किया है। फ्लिपकार्ट 6,663.6 करोड़ रुपये के निवेश के साथ दूसरे स्थान पर है। रिन्यू पावर का निवेश 2,310 करोड़ रुपये है।
अनुमान के मुताबिक, कनाडा पेंशन फंड का स्टार्टअप्स समेत भारतीय सूचीबद्ध और गैर-सूचीबद्ध कंपनियों में 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश है। सूचीबद्ध स्टार्टअप में लॉजिस्टिक्स कंपनी डेल्हीवेरी, पेटीएम, नाइका और जोमैटो शामिल हैं।
2022 में भारत कनाडा का दसवां सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार था। भारत ने 2022-23 में कनाडा को 4.10 अरब डॉलर का सामान निर्यात किया। 2021-22 में यह आंकड़ा 3.76 अरब डॉलर था।
जबकि कनाडा ने 2022-23 में भारत को 4.05 बिलियन डॉलर का सामान निर्यात किया । 2021-22 में यह आंकड़ा 3.13 अरब डॉलर था।
हालाँकि, भारत और कनाडा के बीच चल रहे विवाद और तनावपूर्ण संबंधों का असर अब दोनों देशों के बीच व्यापार संबंधों और निवेश पर पड़ने की संभावना है।
ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (जीटीआरआई) के सह-संस्थापक अजय श्रीवास्तव ने कहा। विशेषज्ञों का मानना है कि भारत और कनाडा के बीच तनावपूर्ण राजनीतिक संबंधों का दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश पर असर पड़ने की संभावना नहीं है।
उन्होंने आगे तर्क दिया कि आर्थिक संबंध व्यावसायिक विचारों से प्रेरित होते हैं। भारत और कनाडा दोनों अलग-अलग उत्पादों का व्यापार करते हैं। एक ही उत्पाद पर दोनों के बीच कोई प्रतिस्पर्धा नहीं है। इसलिए, व्यापार संबंध बढ़ते रहेंगे और दिन-प्रतिदिन के घटनाक्रमों से प्रभावित नहीं होंगे।