चीन ने फिर एक बार नई चाल चली है लेकिन इसे भारत ने फिर नाकाम कर दिया है, 26 जुलाई की रात वर्ल्ड युनिवर्सिटी गेम्स में हिस्सा लेने जा रहे अरुणाचल के एथलीट्स को चीन द्वारा स्टेपल वीजा जारी किये जाने के कारण एयरपार्ट से ही वापस बुला लिया गया, और विदेश मंत्रालय की तरफ से कहा गया कि चीन की ऐसी हरकतों को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जायेगा।
क्या होता स्टेपल वीजा और ये नॉर्मल वीजा से कैसे है अलग?
स्टेपल वीजा साधारण वीजा से अलग होते हैं। चीन अकसर स्टेपल वीजा उन लोगों के लिए जारी करता है, जिन्हें वो विवादित जगहों का नागरिक मानता है। जबकि भारत चीन के इस दावे का विरोध करता है। स्टेपल वीजाधारी जब काम खत्म कर वापस आते हैं तो वीजा के साथ स्टेपल किए गई टिकट को फाड़ दिया जाता है। यानी व्यक्ति के पासपोर्ट पर इस यात्रा का कोई विवरण दर्ज नहीं होता है। जबकि नॉर्मल वीजा पर यात्रा का विवरण दर्ज होता है।
क्या है भारत और चीन के बीच विवाद
चीन और भारत के बीच अरुणाचल प्रदेश को लेकर एक विवाद हमेशा से रहा है। चीन दावा करता है कि अरुणाचल प्रदेश तिब्बत का ही हिस्सा है, जबकि भारत इस दावे को पूरी तरह अस्वीकार करता है। इस संदर्भ में चीन ने अपने नक्शे में अरुणाचल प्रदेश की 11 जगहों के नाम बदल दिए थे। चीन ने पिछले 5 साल में तीसरी बार ऐसा किया था। इसके पहले 2021 में चीन ने 15 जगहों और 2017 में 6 जगहों के नाम बदले थे।
अरुणाचल प्रदेश भारत का आतंरिक हिस्सा है, हिस्सा है और रहेगा: भारत का विदेश मंत्रालय
भारतीय विदेश मंत्रालय ने चीन की इस हरकत पर पलटवार किया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा है- “हमारे सामने चीन की इस तरह की हरकतों की रिपोर्ट्स पहले भी आई हैं। हम इन नए नामों को सिरे से खारिज करते हैं। अरुणाचल प्रदेश भारत का आतंरिक हिस्सा है, और रहेगा। इस तरह से नाम बदलने से हकीकत नहीं बदलेगी।”