चीन के खिलाफ बलूचिस्तान में आतंकी हमला: चीन के प्रोजेक्ट्स पर खतरा?
बीएलए द्वारा ‘ऑपरेशन जिर पहजाग’: चीनी इंजीनियरों पर हमला
रविवार की सुबह, बलूचिस्तान के ग्वादर से चीन की तरफ एक बुरी खबर आई है, जिसने पाकिस्तान की चिंताओं को बढ़ा दिया है। इसमें बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) ने चीनी इंजीनियरों के काफिले पर एक आत्मघाती हमला किया है। इस हमले के परिणामस्वरूप करीब चार चीनी नागरिकों की मौके पर मौत हो गई है। बीएलए ने इस आतंकी हमले को ‘ऑपरेशन जिर पहजाग’ के नाम से जाना जाता है।
चीन के प्रोजेक्ट्स पर खतरा: बलूचिस्तान के ग्वादर में हमला
इस हमले के पीछे बीएलए का मकसद चीन के ग्वादर में चल रहे प्रोजेक्ट्स पर खतरा दिखाना है। ग्वादर एक महत्वपूर्ण पोर्ट सिटी है और यहां पर चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (सीपीईसी) के कई प्रोजेक्ट्स चल रहे हैं। चीन के कई कर्मी इन प्रोजेक्ट्स के लिए वहां मौजूद हैं।
चीन को दी गई सख्त चेतावनी: 90 दिनों का अल्टीमेट
इस हमले के बाद, बीएलए ने चीन को साफ संदेश दिया है कि वह बलूचिस्तान से दूर रहें। उन्होंने 90 दिनों के अंदर चीन को ग्वादर से हटने का अल्टीमेटम दिया है। बीएलए के अनुसार, अगर इस समय चीन ग्वादर से वापस नहीं हुआ तो उन्हें और भी आतंकी हमलों का सामना करना पड़ सकता है।
चीन के प्रोजेक्ट्स पर आरोप: ‘बलूच नागरिकों का शोषण
बीएलए ने चीन के प्रोजेक्ट्स पर भी आरोप लगाए हैं और कहा है कि चीन ने बलूचिस्तान पर कब्जा कर लिया है और वहां के नागरिकों के शोषण कर रहा है। उनके मुताबिक, जब तक बलूचिस्तान को आजादी नहीं मिलती, किसी भी विदेशी निवेश को इजाजत नहीं मिलेगी।
निष्कर्ष: चीन को दिया गया चुनौती
इस हमले से स्पष्ट होता है कि बलूचिस्तान में चीन के प्रोजेक्ट्स पर आरोप लगाए जा रहे हैं और बीएलए ने चीन को गंभीर चुनौती दी है। चीन का त्त्ववचन और चलन बदलने की आवश्यकता हो सकती है अगर वह बलूचिस्तान से वापस नहीं हुआ।