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भगवान् राम ने इस जगह पर पर बिताए थे वनवास के 11 वर्ष, यही से हुआ था माता सीता का हरण

उत्तर प्रदेश राज्य के चित्रकूट जिले में स्थित चित्रकूट एक शहर है। यह उस जिले का मुख्यालय भी है। यह बुन्देलखण्ड क्षेत्र मे स्थित है। चित्रकूट जिले सांस्कृतिक, ऐतिहासिक, धार्मिक और पुरातात्विक महत्व रखता है। चित्रकूट भगवान राम की कर्म भूमि है। पुराणिक कथाओं और महाकाव्य (श्री राम चरित्र मानस ) के अनुसार भगवान राम ने वनवास के 11 वर्ष चित्रकूट मे बिताये थे।

जो मंदाकिनी नदी के किनारे पर बसा भारत के सबसे प्राचीन तीर्थस्थलों में से एक है। चित्रकूट एक ऐसा स्थान हैं। जो दो राज्य में बसा हुआ हैं। इसका कुछ हिस्सा मध्य प्रदेश और कुछ हिस्सा उत्तर प्रदेश में आता हैं।

पौराणिक कथाओं में अनुसार भगवान् राम ने अपने 14 साल के वनवास काल का 11 वर्ष का समय यहीं मंदाकनी नदी के किनारे पर स्थित एक छोटी सी कुटिया में बिताए थे। और वहीं से सीता माता का हरण हुआ था।

यहां पर हमेशा भक्तों और श्रद्धालुओं का ताँता लगा रहता है। यह मुख्य रूप से हिन्दुओ का प्रमुख तीर्थ स्थल हैं। यह स्थान प्राकृतिक सुंदरता से भरा हुआ हैं। यह सतना के पास घूमने के लिए सबसे अच्छा पर्यटन स्थल में से एक हैं।

वायु मार्ग:- चित्रकूट का नजदीकी विमानस्थल प्रयागराज है। खजुराहो चित्रकूट से 185 किलोमीटर दूर है।

रेल मार्ग:- चित्रकूट से 8 किलोमीटर की दूर चित्रकूट निकटतम रेलवे स्टेशन है।

सड़क मार्ग:- चित्रकूट के लिए प्रयागराज, बांदा, झांसी, महोबा, कानपुर, छतरपुर,सतना, अयोध्या, लखनऊ, मैहर आदि शहरों से नियमित बस सेवाएँ हैं। चित्रकूट, सतना शहर से 60 किलोमीटर दूर स्थित हैं।

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