महाभारत के अनुसार, चित्रसेन एक अलौकिक संगीतकार और गायक थे, जिन्होंने स्वर्गीय गांधर्वी चित्ररथी से प्रेम किया था। उनकी कहानी राजा दुश्यंत और शकुंतला के संबंध में महत्वपूर्ण थी।
चित्रसेन का जन्म गांधर्व गण के राजा धृतराष्ट्र और गांधारी के पुत्र के रूप में हुआ था। उन्होंने बचपन से ही संगीत के क्षेत्र में रूचि पाई और उनकी आवाज बहुत ही मधुर और मग्न कर देने वाली थी।
एक दिन, चित्रसेन का संगीत स्वर्ग में गूंज गया, जहां चित्ररथी उनके सुन्दर स्वर और गायन को सुनकर मोहित हो गयी। वे तत्काल समझ गए कि यह प्यार नहीं बल्कि अद्भुत संगीत की भावना थी जिसे उन्होंने किसी से सीखने का निर्णय लिया।
चित्रसेन ने अपने गुरु से संगीत का शिक्षा प्राप्त की और उनका प्यार चित्ररथी की ओर और भी अधिक बढ़ गया। चित्रसेन और चित्ररथी की कहानी काव्यरूपी गीतों के रूप में प्रस्तुत होती थी, जिनमें उनके प्यार की बातें, गांधर्व संगीत की अद्वितीयता और राजा दुश्यंत और शकुंतला के संबंध का वर्णन था।
चित्रसेन और चित्ररथी की प्रेम कहानी महाभारत में एक महत्वपूर्ण और रोमांचक घटना थी, जो न केवल उनके प्यार की दास्तानी थी, बल्कि संगीत की महत्वपूर्णता को भी दर्शाती थी। चित्रसेन की कहानी उनकी संगीतमय जीवनशैली और उनके संगीत के प्रति उनकी अद्वितीय भावनाओं का प्रतीक था।