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ग्लेशियर के पानी से पोषित चो-ल्हामू

सिक्किम के मंगन जिले में चीन के साथ अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगभग 4 किमी दक्षिण पश्चिम में स्थित झील को चो-ल्हामू झील कहा जाता है। यहां हिमालय का वातावरण, कलकल करती धाराएं, बर्फ से ढके पहाड़, संस्कृति की समृद्धि, मठ हैं। यह चो-ल्हामू झील उन लोगों के लिए एक आदर्श स्थान है जो पूरी तरह से प्रकृति से प्यार करते हैं। चो-ल्हामू झील का स्रोत ग्लेशियर के पानी से पोषित होता है। सर्दियों के मौसम के दौरान, तापमान कभी-कभी -11 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है, जिससे झील जम जाती है। चो-ल्हामू झील में लगभग 32 प्रजातियों के पक्षियों पाए जाते हैं।  यह चो-ल्हामू झील बहुत ही आकर्षक, प्राकर्तिक और बादलों में लिपटी हुई पर्यटन स्थल है।

सिक्किम टूरिज्म इंडिया हॉलिडे पैकेज ट्रैकिंग, पैराग्लाइडिंग, पर्वतारोहण, रिवर राफ्टिंग और लंबी पैदल यात्रा जैसे साहसिक खेलों से पूरी तरह भरे हुए हैं। इसके अलावा, आपको अछूते प्रकृति सौंदर्य का आनंद लेने और उसकी ताजगी का आनंद लेने का अवसर मिलता है। वहां जाने के लिए परमिट की आवश्यकता होती है।

घूमने के लिए सबसे अच्छा समय:-

चो-ल्हामू झील घूमने के लिए सबसे अच्छा समय मार्च से लेकर जून के महीनों में सुखद जलवायु का अनुभव होता है इस हिल स्टेशन पर साल पर मौसम आनंदमय होता है। जो दर्शनीय स्थलों की यात्रा के अच्छा समय है।

चो-ल्हामू झील कैसे पहुंचे ?

हवाई मार्ग द्वारा:-

सिक्किम की राजधानी गंगटोक का सबसे नजदीकी हवाई अड्डा बागडोगरा है, जहां से गंगटोक शहर की दूरी करीब 124-125 किमी. है।

रेल मार्ग द्वारा:-

गंगटोक में रेलवे स्टेशन नहीं है।  गंगटोक जाने के लिए आपको गंगटोक का नजदीकी रेलवे स्टेशन नई जलपाईगुड़ी है। जो गंगटोक शहर से करीब 119-120 किमी. दूर है। नई जलपाईगुड़ी से प्राइवेट टैक्सी द्वारा गंगटोक पहुंचा जा सकता है।

सड़क मार्ग द्वारा:-

नई जलपाईगुड़ी से मात्र 6 किमी. की दूरी पर सिलीगुड़ी का बस स्टैंड मौजूद है। सिलीगुड़ी और बागडोगरा जैसी जगहों से कई निजी और राज्य बसें उपलब्ध हैं।

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