ब्राज़ील के रियो डी जेनेरो में स्थापित ईसा मसीह की एक प्रतिमा है। जिसे दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा आर्ट डेको स्टैच्यू माना जाता है। क्राइस्ट द रिडीमर दुनिया के सात अजूबों में शामिल है। रियो डी जेनेरो और ब्राजील की एक पहचान बन गयी है।
इस मूर्ति को फ्रांसीसी इंजीनियर अल्बर्ट कैक्वॉट की मदद से ब्राजील के इंजीनियर हेइटर दा सिल्वा कोस्टा द्वारा बनाया गया है। इस मूर्ति का चेहरा रोमानियाई कलाकार घोरघे लिओनिडा द्वारा बनाया गया था। इसे पूरा होने में नौ साल का समय लग गया। मूर्ति को बनाने के लिए जिन पत्थरों का इस्तेमाल किया गया था वो स्वीडन से लाये गए थे।
रात में क्राइस्ट द रिडीमर को लगभग 300 एलईडी रोशनी के साथ जलाया जाता है। इन लाइट की वजह से मूर्ति को दूर से भी देखा जा सकता है।
क्राइस्ट द रिडीमर की मूर्ति, स्टैच्यू ऑफ़ लिबर्टी की उंचाई की दो तिहाई है। दुनिया में यीशु की 5वीं सबसे बड़ी मूर्ति है। यह प्रसिद्ध प्रतिमा ब्राज़ीलियाई लोगों के स्वागत और गर्मजोशी भरे स्वभाव के सांस्कृतिक और धार्मिक प्रतीक के रूप में खड़ी है।
घूमने का सर्वोत्तम समय:–
सुबह जल्दी 8:30 बजे से पहले या देर दोपहर में 3:30 बजे के बाद।
कैसे पहुंचे ?
हवाई मार्ग से:–
इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा फ्लाइट द्वारा नई दिल्ली से रियो डी जनेरियो नियमित उड़ानों के माध्यम से देश के अन्य प्रमुख शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा है। रियो डी जनेरियो में हवाई अड्डे सैंटोस ड्यूमॉन्ट हवाई अड्डा है।