इजराइल और फिलिस्तीन में घमासान जारी
रूस और यूक्रेन के बीच जंग पिछले 17 महीनों से जारी है अभी तक इस जंग का कोई नतीजा नही निकला है और अभी हाल फिलहाल ऐसा कुछ लग भी नही रहा है कि जिससे ये जंग रुक जाएगा। अब ताजा खबर आ रही है कि इजराइल और फिलिस्तीन के बीच जेनिन शहर में 2 दिन से जारी तनाव के बाद इजराइली सेना ने वेस्ट बैंक से पीछे हटना शुरू कर दिया है। याद रहे कि सेना के 2 दिन के ऑपरेशन में करीब 12 फिलिस्तीनियों की मौत हो गई, वहीं 100 से ज्यादा घायल हुए हैं। इस रेड के दौरान एक इजराइली सैनिक की भी मौत हो गई। अल जजीरा ने बताया कि इजराइल के ऑपरेशन ने जेनिन में रिफ्यूजी कैंप को तबाह कर दिया।
देर रात गाजा पट्टी से इजराइल पर मिसाइल फायर की गई। हमलों को देखते हुए सदर्न इजराइल में अलर्ट सायरन बजाया गया और आयरन डोम को एक्टीवेट कर दिया गया। इजराइली मिलिट्री ने गाजा से आए 5 रॉकेट को मार गिराने की पुष्टि की। इसके बाद सेना ने गाजा पट्टीऔर हमास के ठिकानों पर दोबारा एयरस्ट्राइक की। इलाके में मौजूद घर, सड़कों और कारों का मलबा हर जगह फैल गया।
फिलिस्तीनी लीडर्स ने इजराइल के हमलों को कब्जे की कोशिश करार दिया है। हमास लीडर ओसामा हमदान ने कहा- तेल अवीव में अटैक के लिए इजराइली सेना खुद जिम्मेदार है। उन्होंने जेनिन में जो अपराध किया, ये उसी का नतीजा है। इससे पहले सोमवार को फिलिस्तीन के आतंकी संगठन ने इजराइल को तबाह करने की धमकी दी थी।
इस बीच तेल अवीव में एक हमास सपोर्टर अपनी कार लेकर बस स्टॉप में घुस गया और लोगों पर चाकू से हमला करने लगा। इस अटैक में 8 लोग घायल हो गए। इस पर इजराइल के प्रधानमंत्री बेन्जामिन नेतन्याहू ने कहा- इस तरह के हमले आतंकवाद के खिलाफ हमारी लड़ाई को नहीं रोक सकते हैं। अभी के लिए इजराइली सेना अपना मिशन पूरा करके लौट रही है, लेकिन जरूरत पड़ने पर हम फिर लौटेंगे।
अगर हम इसके इतिहास के बारे में बात करे तो 1948 में इजराइल के जन्म के बाद भी फिलिस्तीन से उसका संघर्ष हर स्तर पर जारी रहा। इजराइल को जब लगा कि डिप्लोमैटिक लेवल पर वो फिलिस्तीन के सामने कमजोर पड़ रहा है, तो 1970 के दशक में उसने फिलीस्तीन के एक कट्टरपंथी संगठन को उदारवादी फिलिस्तीन नेताओं के विरोध में खड़ा कर दिया। इसको नाम दिया गया हमास। हालांकि, हमास की औपचारिक स्थापना 1987 में मानी जाती है।