निर्धारित अवधि में विभागीय लक्ष्यों को पूरा किया जाए : धर्मपाल सिंह
उत्तर प्रदेश के पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह ने निर्देश दिये हैं कि प्रदेश में दुग्ध उत्पादन में वृद्धि के लिए दुग्ध विकास समितियों के गठन की प्रक्रिया में तेजी लाई जाए और 15 जून तक 220 समितियॉ गठित कर ली जाए। उन्होंने कहा है कि गोचर भूमियों को अतिक्रमण से मुक्त कराकर चारागाह विकसित कराया जाए ताकि स्थानीय स्तर पर निराश्रित गोआश्रय स्थलों को निर्वाध रूप से हरे चारे की पूर्ति होती रहे। इसके साथ ही जिन जनपदों द्वारा अभी तक लक्ष्य के अनुरूप भूसा भण्डारण की पर्याप्त व्यवस्था नहीं की गयी है वह अभियान चलाकर भूसा संग्रहण सुनिश्चित करें अन्यथा उनके खिलाफ कार्यवाही की जायेगी।
उत्तर प्रदेश के पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह ने विधान भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष में पशुधन एवं दुग्ध विकास विभाग की 03 माह में प्रारम्भ किये गये कार्यों एवं उनकी अद्यतन स्थिति एवं प्रगति की समीक्षा करते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर समिट में प्राप्त निवेश प्रस्तावों को धरातल पर उतारने में किसी भी प्रकार की कोई लापरवाही न बरती जाए और निवेशकों की सभी समस्याओं और शंकाओं का समाधान किया जाए। दुग्ध विकास मंत्री ने दुग्ध संघों के सुदृढ़ीकरण एवं पुनर्जीवित करने की योजना के तहत 220 समितियों के गठन एवं 450 समितियों के पुनर्गठन, तकनीकी निवेश कार्यक्रम के तहत पराग पशु आहार, मिनरल मिक्चर व दवा (डिवर्मर, थनैला व टिक कन्ट्रोल) के वितरण की समीक्षा की।
पशुधन मंत्री ने निर्देश दिये कि गोशालाओं के निर्माण में तेजी लाई जाए और वृहद गो संरक्षण केन्द्रों का निर्माण शीघ्र पूर्ण किया जाये। प्रत्येक मण्डल में अपर निदेशक स्तर के अधिकारी द्वारा गोशालाओं का निरीक्षण किया जाए और गोवंश के रख-रखाव, चारा, भूसा, पेयजल, सुरक्षा, विद्युुत आदि की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। पशुधन मंत्री ने कहा कि पूरे प्रदेश मंे निराश्रित गोआश्रय स्थलों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में तेजी से कार्य किया जाए और गाय के गोबर का व्यवसायिक उपयोग पर बल दिया जाए। उन्होंने अतिहिमीकृत वीर्य उत्पादन केन्द्र रहमानखेड़ा, लखनऊ पर बोवाइन पशुओं के सेक्स्ड/सार्टेड सीमेन के उपयोग की योजना, भेड़ पालन की योजना, भेड़ों के नस्ल सुधार हेतु मेढ़े उपलब्ध कराने की योजना, बकरियों में कृत्रिम गर्भाधान तथा भेड़ एवं बकरी पालन प्रशिक्षण केन्द्र के संचालन योजना, मिलियन सेक्स्ड एआई की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि ये योजनाओं पशुपालकों एवं छोटे किसानों की आय बढ़ाने में महत्वपूर्ण है। इसलिए इन योजनाओं के क्रियान्वयन में तेजी लाई जाए। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को निर्देशित हुए कहा कि इस वित्तीय वर्ष 2023-24 के प्रथम तीन माह में निर्धारित लक्ष्यों को समयबद्ध रूप से पूरा कर लिया जाए और आगामी तीन माहों की भी कार्य योजना तैयार करते हुए उस पर कार्य प्रारम्भ कर दिये जाए।
बैठक में पशुधन एवं दुग्ध विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव डा0 रजनीश दुबे ने मंत्री जी को दोनों विभागों द्वारा प्रारम्भ किये गये कार्यों और उसकी अद्यतन स्थिति से अवगत कराया और मंत्री जी को आश्वस्त किया कि निर्धारित अवधि में लक्ष्यों को प्राप्त कर लिया जायेगा। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को योजनाओं के क्रियान्वयन में तेजी लाने के निर्देश दिये।
बैठक में दुग्ध आयुक्त शशिभूषण लाल सुशील, पीसीडीएफ के प्रबंध निदेशक कुणाल सिल्कू, विशेष सचिव दुग्ध विकास विभाग राम सहाय यादव, पशुधन विभाग के निदेशक, प्रशासन एवं विकास डा0 इन्द्रमणि, रोग नियंत्रण एवं प्रक्षेत्र डा0 तरूण कुमार तिवारी, अपर निदेशक गोधन जयकेश पाण्डेय, यूपी एलडीडी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डा0 नीरज गुप्ता तथा शासन के वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।