सेहत और स्वास्थ्य

आपको कोमा में पहुंचा सकती है इलेक्ट्रोलाइट कमी, जानें घर पर इसे कैसे बनाकर पिएं – मेधज न्यूज़

अक्सर आपने भी सुना होगा कि शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स का संतुलन बना रहना बहुत आवश्यक होता है। इनकी मदद से ही शरीर के मुख्य अंग अपना काम ठीक तरह से कर पाते हैं। पर इलेक्ट्रोलाइट्स होते क्या हैं और शरीर में इनका क्या कार्य है? इलेक्ट्रोलाइट्स सोडियम, पोटेशियम, क्लोराइड, बाई-कार्बोनेट, मैग्नीशियम क्लोराइड आदि का मिश्रण है इनकी मदद से ही शरीर के मुख्य अंग अपना काम ठीक तरह से कर पाते हैं। जो दिल से लेकर दिमाग और किडनी तक को सुरक्षित रखने का काम करता है, इलेक्ट्रोलाइट वह पदार्थ होते है जो पानी में घुलने के बाद शरीर में इलेक्ट्रिसिटी का संचालन करते हैं। इलेक्ट्रोलाइट्स जैसे सोडियम और पोटेशियम शरीर को बेहतर तरीक से कार्य करते रहने के लिए आवश्यक हैं, ये इन्हीं इलेक्ट्रोलाइट्स का एक हिस्सा होते हैं।

आसान भाषा में समझें तो मानव शरीर के स्वस्थ कामकाज के लिए इलेक्ट्रोलाइट्स महत्वपूर्ण हैं। किसी भी तत्त्व जैसे पोटेशियम, कैल्शियम, आयरन या सोडियम आदि एक-दूसरे के साथ मिलकर काम करते हैं। ऐसे में किसी एक का स्तर घटने या बढ़ने से सभी असंतुलित होने लगते हैं। जिसका शरीर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। शरीर के कार्य करने के लिए विभिन्न इलेक्ट्रोलाइट्स का संतुलन महत्वपूर्ण है। इसमें होने वाले असंतुलन की स्थिति में कमजोरी, दौरे पड़ना और हृदय गति में असमानता की समस्या हो सकती है। इलेक्ट्रोलाइट्स, ऊतकों, नसों और मांसपेशियों में कोशिकाओं के इंटरैक्शन में मदद करते हैं। फल और सब्जियां इलेक्ट्रोलाइट्स के अच्छे स्रोत हैं। यानी आहार को ठीक रखकर हम शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स के संतुलन को भी ठीक रख सकते हैं। आइए इसमें होने वाली कमी और शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स की पूर्ति कैसे करें, इस बारे में जानते हैं।

आइए जानते हैं इलेक्ट्रोलाइट के बारे में कुछ खास बातें

कब होता है असंतुलन
असंतुलन की स्थिति व्यक्ति के लगातार उल्टी व दस्त की समस्या से बनती है। पानी कम पीने से शरीर में नमक की कमी होने लगती है। साथ ही पेटदर्द या दस्त से शरीर में जरूरी पोषक तत्त्व तेजी से घटते हैं। भागदौड़ या वर्कआउट के दौरान निकले पसीने के कारण मिनरल्स बाहर निकल जाते हैं जिनकी पूर्ति होनी जरूरी है।

लक्षण पहचानें
दिन में तीन बार से ज्यादा उल्टी या दस्त होना, मुंह अचानक सूखने लगना, आंखों के नीचे सूजन, अधिक नींद आना, पेट में मरोड़ के साथ हल्का दर्द, कमजोरी व थकान महसूस होना, हाथ-पैरों में कंपन, बदन दर्द, भूख न लगना, चक्कर आना, आंखों से धुंधला दिखाई देना, पेशाब में तकलीफ इसके प्रमुख लक्षण हैं।

पर्याप्त मात्रा में पानी पीते रहना सबसे आवश्यक

हाइड्रेटेड रहना इलेक्ट्रोलाइट्स के संतुलन को बनाए रखने का सबसे बेहतर तरीका है। पानी, हाइड्रेशन के लिए सबसे प्राकृतिक विकल्प है। इलेक्ट्रोलाइट्स की भरपाई के लिए नारियल पानी का सेवन भी अच्छा विकल्प है। जिन लोगों को दस्त हो जाते हैं उनमें इलेक्ट्रोलाइट्स के संतुलन को बनाए रखने के लिए ओआरएस का घोल या फिर नारियल पानी पीने की सलाह दी जाती है।

इन बातों का भी रखें ध्यान

शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स के संतुलन को बेहतर बनाए रखने में मदद के लिए इन बातों का भी ध्यान रखना बहुत आवश्यक है।

  • संतुलित-स्वस्थ आहार खाएं जिसमें इलेक्ट्रोलाइट्स वाले खाद्य पदार्थ शामिल हों।
  • खूब पानी पिएं, अधिक तरल पदार्थ लेने से इलेक्ट्रोलाइट्स आपके सिस्टम से बाहर नहीं निकलने पाते हैं।
  • ओवर-द-काउंटर मूत्रवर्धक दवाओं का अधिक उपयोग न करें या चिकित्सक की स्वीकृति के आधार पर ही इनका प्रयोग करें।
  • नमक का अधिक सेवन न करें। भले ही सोडियम एक इलेक्ट्रोलाइट है, पर इसके बहुत अधिक सेवन से आपका सिस्टम असंतुलित हो सकता है।
  • दिन के सबसे गर्म समय के दौरान तीव्र स्तर के व्यायाम से बचने की कोशिश करें।
  • घर के अंदर व्यायाम न करें, खासकर अगर आपको बहुत अधिक पसीना आने लगे।

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