
एक सज्जन व्यक्ति इतने मोटे हो गए कि उनका चलना-फिरना मुश्किल हो गया।
एक बार सांस अंदर ले लें, तो छोड़ना मुश्किल और एक बार सांस छोड़ दें तो दुबारा लेना मुश्किल।
वे इस सिलसिले में डॉक्टर के पास गए तो डॉक्टर प्रकाश ने कहा- भाई साहब !
मर जाएंगे आप…।
अगर जीना चाहते हो तो अच्छा-अच्छा खाना-पीना छोड़ दो।
बगैर नमक का भोजन लो और मटके का पानी पियो।
उस सज्जन ने सोचा- बेकार है ऐसा जीना…!
न खा सकता हूं, न पी सकता हूं…!
न चल सकता हूं, न फिर सकता हूं…।
इससे तो मौत अच्छी। यह सोचकर उन्होंने आत्महत्या करने के लिए 8 माले की ऊंची बिल्डिंग से नीचे छलांग लगा दी।
परंतु वे किस्मत के बड़े धनी थे…! मरे नहीं, आंख खुली तो अस्पताल में पड़े थे।
डॉक्टर प्रकाश बाजू में खड़े थे।
उन्होंने पूछा- डॉक्टर साहब, क्या मैं जिंदा हूं?
डॉक्टर ने गंभीर होकर कहा- हां आप तो जिंदा है,
लेकिन वे तीनों मर गए जिन पर आप गिरे थे।
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शामू – तुम्हें पता है आजकल लड़की पटाने का नया फार्मूला क्या है?
रामू – प्यार करने की अपनी एक रीत है, प्यार का दूसरा नाम ही प्रीत है।
इसलिए ट्राय मारो हर उस लड़की पर…, जो आपको पसंद है,
क्योंकि डर के आगे ही जीत है।
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पंकज दारू पी के ताला खोलने लगा,
हाथ कापने की वजह से ताला नहीं खुला
अमित – मैं खोल दूं…।
पंकज – मैं खोल लूंगा,
तू घर को पकड़
भाई बहुत हिल रहा है…।
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