किसानों को पारंपरिक खेती के अलावा अन्य फसलों की खेती करने पर भी ध्यान देना चाहिए – उद्यान मंत्री
प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही एवं उद्यान, कृषि विपणन, कृषि विदेश व्यापार एवं कृषि निर्यात राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दिनेश प्रताप सिंह की उपस्थिति में होटल ताज लखनऊ में डिजिटल कृषि और निर्यात प्रोत्साहन (डीएईपी) का शुभारंभ और पहली कार्य समिति बैठक आयोजित हुई। इस अवसर पर कृषि मंत्री ने कहा कि डीएईपी का उद्देश्य राज्य में आधुनिक, तकनीक संचालित और निर्यात-उन्मुख कृषि बुनियादी ढांचे के विकास में निवेश को बढ़ावा देना है। डीएईपी कृषि मूल्य श्रृंखला और कृषि में डिजिटल नवाचारों के सभी पहलुओं से विशेषज्ञता और रणनीतिक इनपुट लाये इसके लिये उद्योग जगत से जुड़े हुये मुख्य कार्यकारी अधिकारी, प्रबंध निदेशक और सीटीओएस को परिषद के सम्मानित सदस्यों के रूप में आमंत्रित किया गया है।
कृषि मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की डिजिटल इंडिया के अन्तर्गत प्रदेश को नयी ऊंचाईयों पर ले जाने का कार्य किया जा रहा है। कृषि क्षेत्रों के विभिन्न क्षेत्रों एवं सेवाओं को डिजिटलीकरण किया जा रहा है, जिसका लाभ प्रदेश के किसानों को मिल रहा है। कृषि क्षेत्र के अन्तर्गत मैप व जमीनों को डिजिटलीकरण किया गया है। डिजिटलीकरण एवं नयी तकनीकों को उपयोग कर जमीनों एवं फसलों का सर्वे कराकर किसानों को सही और सटीक जानकारी देने का कार्य किया जायेगा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व में प्रदेश के किसानों के लिए नीतियों को सरल एवं सुगम बनाया जा रहा है, जिससे किसानों को योजनाओं का लाभ लेने में किसी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े। डिजिटल कृषि के माध्यम से देश और दुनिया की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए उत्तर प्रदेश तैयार खड़ा है। उन्होंने कहा कि डिजिटल क्रान्ति के माध्यम से एसएसपी का पैसा सीधे किसानों के खाते मे भेजने से बिचौलियों को बाहर किया गया है।
इस मौके पर उद्यान मंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश के किसानों के उत्पादों को विदेशों में एक नई पहचान मिल रही है। किसानों को विदेशों मे उनके उत्पादों को पसंद किया जा रहा है तथा उनके उत्पादों का अच्छा मूल्य भी मिल रहा है। उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र में तकनीकों का उपयोग कर गुणवत्ता के साथ-साथ उत्पादन क्षमता को बढ़ा सकते हैं। अभी हाल ही में प्रदेश के किसानों का आलू एवं आम को विदेशी बाजारों में निर्यात किया गया है। किसानों को पारंपरिक खेती के अलावा अन्य फसलों की खेती करने पर भी ध्यान देना चाहिए।
कृषि उत्पादन आयुक्त मनोज कुमार सिंह ने डिजिटल कृषि और निर्यात प्रोत्साहन (डीएईपी) पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि डीएईपी के माध्यम से कृषि उत्पादों की गुणवत्ता बढ़ाने पर जोर दिया जायेगा। कृषि क्षेत्र की नयी तकनीकों को किसानों तक पहुंचाकर उन्हें सरल रूप से तकनीकों की जानकारी दी जायेगी। कृषि एवं उद्यान क्षेत्र में कार्य करते हुए उत्पादों को निर्यात करने का कार्य किया जा रहा है।
इस अवसर पर निदेशक कृषि विवेक कुमार, निदेशक मण्डी अंजनी कुमार सिंह, निदेशक उद्यान आर0के0 तोमर, प्रबंध निदेशक हाफेड अंजनी कुमार श्रीवास्तव, विभिन्न कम्पनियों के सी0ई0ओ0, डब्ल्यू0आर0जी0 के सदस्य एवं एफ0पी0ओ0 के सदस्य उपस्थित थे।