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पहली बार महिलाओं ने की दशाश्वमेध घाट पर मां गंगा की आरती

बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी में भव्य देव दीपवाली का आयोजन हुआ। काशी के गंगा तट पर 15 लाख दीये जले तो दूसरी तरफ दशाश्वमेध घाट पर मां गंगा की महाआरती ने पर्यटकों का मन मोह लिया। षोडशोपचार विधि से गंगा पूजन और अभिषेक के बाद पहली बार पांच बेटियों की अगुवाई में हुई मां गंगा की इस महाआरती ने काशी के इतिहास में नया अध्याय जुड़ गया।

दशाश्वमेध घाट पर 21 अर्चक और रिद्धि सिद्धि के रूप में 42 कन्याओं के बीच पांच बेटियों ने मां गंगा की आरती की। देव दीवाली पर गंगोत्री सेवा समिति द्वारा होने वाली इस महाआरती ने देश और दुनिया को नारी सशक्तिकरण का संदेश दिया। महाआरती के इस अद्भुत नजारे को हजारों पर्यटकों ने अपने कैमरे में कैद किया। बताते चले कि वाराणसी में गंगोत्री सेवा समिति के अध्यक्ष किशोरी रमण दुबे ने गंगा आरती की शुरुआत की थी।

बेटियां नहीं है किसी से कम

गंगोत्री सेवा समिति के सचिव दिनेश शंकर दुबे ने बताया कि आज किसी भी क्षेत्र में बेटियां किसी से कम नहीं है। इसी को देखते हुए इस बार बेटियों से गंगा आरती का नेतृत्व कराया जा रहा है। इस गंगा महाआरती के जरिए हम लोग देश को महिला सशक्तिकरण और नारी सम्मान का संदेश दे रहे हैं।

मां गंगा की अष्टधातु की प्रतिमा का हुआ श्रृंगार

दशाश्वमेध घाट पर हुए इस महाआरती में मां गंगा की अष्टधातु की प्रतिमा का विशेष श्रृंगार हुआ। 108 किलो फूलों से हुए देवी के श्रृंगार श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र रही। इसके अलावा घाटों पर दीपों की असंख्य श्रृंखला और महाआरती के बाद सांस्कृतिक संध्या के कार्यक्रम ने पर्यटकों का मन मोह लिया।

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