देखें: चंद्रयान-3 द्वारा ली गई चंद्रमा की पहली झलक
चंद्रयान-3 ने पकड़ी चांद की पहली झलकें
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने रविवार को चांद्रयान-3 अंतरिक्ष यान द्वारा की गई चांद की पहली झलकों को साझा किया। इन तस्वीरों की श्रृंगारिक संख्या में, चांद्रयान-3 ने पृथ्वी के एकमात्र प्राकृतिक उपग्रह के कई दृश्यों को दिखाया, जो चांद की पिस्ता दागदार सतह को अलग-अलग दृष्टिकोण से दिखाते हैं।
वीडियो में दिखे चंद्रयान-3 की पहली झलक
ट्विटर पर साझा किए गए वीडियो में, चंद्रयान-3 अगस्त 5 को चंद्रमा की कक्षागत इंजेक्शन (लुनर ऑर्बिट इंसर्शन) के दौरान चंद्रमा की तस्वीरें कैप्चर कर रहा है। आईएसआरओ की वेबसाइट के अनुसार, इसका कहना है कि यह अंतरिक्ष यान चंद्रमा के चारों ओर 170 किलोमीटर x 4313 किलोमीटर के कक्षागत इंजेक्शन में है।
चंद्रयान-3 ने सफलतापूर्वक ट्रांसलूनर ओर्बिट में प्रवेश किया है, जिससे यह चंद्रमा की ओर अपनी यात्रा शुरू कर चुका है, जबकि यह 14 जुलाई को लॉन्च किया गया था। रविवार को, यह अंतरिक्ष यान चंद्रमा के चंद्रयानी ओर्बिट में प्रवेश कर गया।
The Moon, as viewed by #Chandrayaan3 spacecraft during Lunar Orbit Insertion (LOI) on August 5, 2023.#ISRO pic.twitter.com/xQtVyLTu0c
— LVM3-M4/CHANDRAYAAN-3 MISSION (@chandrayaan_3) August 6, 2023
इसरो ने एक ट्वीट में कहा, “यह अंतरिक्ष यान सफलतापूर्वक एक योजनित कक्षा संक्षेपण यांत्रिकी क्रिया से गुजरा है। इंजनों की पुनर्योजन ने इसे चंद्रमा की सतह के करीब ला दिया है, अब 170 किलोमीटर x 4313 किलोमीटर तक। अगली क्रिया इसके कक्षा संक्षेपण को आगामी 9 अगस्त, 2023, 13:00 और 14:00 बजे आईएसटी के बीच योजना बनाई गई है।”
चंद्रयान-3 की अगली कदम
आगामी कुछ हफ्तों में, चंद्रयान-3 चंद्रमा के चारों ओर घूमेगा और अपने कक्षागत गति को कम करके पृथ्वी के एकमात्र प्राकृतिक उपग्रह पर नरम लैंडिंग के लिए तैयारी करेगा। इस प्रक्रिया के दौरान, यह चंद्रयान-3 चंद्रमा की सतह तक पहुंचता रहेगा। प्रक्षेपण मॉड्यूल से अलग होकर, यह लैंडर और रोवर सतह पर उतरेंगे।
मिशन को सफलतापूर्वक पूरा करने के बाद, भारत एक चंद्रमा पर नरम लैंडिंग कार्रवाई करने वाला चौथा देश बन जाएगा, जिसके पहले संयुक्त राज्य अमेरिका, पूर्वी सोवियत संघ, और चीन शामिल हैं।
समापन
इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम से भारत अंतरिक्ष अनुसंधान में एक बड़ा कदम उठाता है। चंद्रयान-3 के माध्यम से हमें चंद्रमा के नए पहलुओं का पता चलेगा, जो हमारे विज्ञानिक ज्ञान को बढ़ाने में मदद करेंगे। इस मिशन के सफलतापूर्वक पूर्ण होने से, भारत वैश्विक अंतरिक्ष समुदाय में अपनी पहचान बनाएगा और इससे देश की गरिमा और प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी।
प्रश्न-उत्तर
1. क्या चंद्रयान-3 ने अपने मार्ग में पृथ्वी की एकमात्र प्राकृतिक उपग्रह की तस्वीरें कैप्चर की है?
हां, चंद्रयान-3 ने अपने मार्ग में पृथ्वी की एकमात्र प्राकृतिक उपग्रह की तस्वीरें कैप्चर की है।
2. चंद्रयान-3 को कौन सी कड़ी के दौरान देखा जा सकता है?
चंद्रयान-3 को चंद्रमा की ओर अपनी यात्रा की शुरूआत में देखा जा सकता है।
3. भारत किस स्थान पर अंतरिक्ष मिशन में एक बड़ा कदम उठा रहा है?
भारत अंतरिक्ष अनुसंधान में चंद्रयान-3 के माध्यम से एक बड़ा कदम उठा रहा है।
4. चंद्रयान-3 मिशन से क्या लाभ हो सकता है?
चंद्रयान-3 मिशन से हमें चंद्रमा के नए पहलुओं का पता चलेगा, जो हमारे विज्ञानिक ज्ञान को बढ़ाने में मदद करेंगे।
5. क्या भारत विश्वभर में चंद्रमा पर नरम लैंडिंग करने वाला चौथा देश बन जाएगा?
हां, भारत विश्वभर में चंद्रमा पर नरम लैंडिंग करने वाला चौथा देश बन जाएगा, जिससे इसकी गरिमा और प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी।