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गाँधी शांति पुरस्कार 2021 की हुई घोषणा, 100 वर्ष पुरानी उत्तर प्रदेश की इस संस्था को मिलेगा पुरस्कार

शांति, सामाजिक सद्भाव व गांधीवादी आदर्शों को बढ़ावा देने के लिए वर्ष 2021 का गांधी शांति पुरस्कार गीता प्रेस गोरखपुर को दिया जायेगा इसकी जानकारी केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय की तरफ से दी गई, इस पुरस्कार के लिए गठित निर्णायक-मंडल की अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की जिसमे सर्वसम्मति से गीता प्रेस को गाँधी शांति पुरस्कार के लिए चुना गया।

100 वर्ष पूरे होने पर गीता प्रेस को मिल रहा है गाँधी शांति पुरस्कार

गीता प्रेस विश्व में सबसे बड़े प्रकाशकों में से एक है इसकी स्थापना गोरखपुर में 1923 में हुई थी यह 14 भाषाओं में 41 करोड़ से अधिक पुस्तकों का प्रकाशन कर चुका है, विशेष बात यह है कि गीता प्रेस कभी भी अपने प्रकाशनों के लिए विज्ञापन नहीं लेता तथा यह साथ में जुड़े हुए संगठनो के साथ सर्वजन कल्याण के कार्य करता रहता है।

अहिंसा तथा गाँधीवादी विचारों पर चलने के लिए दिया जाता है गाँधी शांति पुरस्कार

राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी की 125वीं जयंती 1995 से शुरू किया गया यह अंतररष्ट्रीय पुरस्कार अहिंसा व अन्य गांधीवादी तरीकों के माध्यम से सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक परिवर्तन की दिशा में उनके योगदान के लिए व्यक्तियों और संस्थानों को दिया जाता है इस पुरस्कार में एक करोड़ रूपये, प्रशस्ति पत्र, एक पट्टिका और एक उत्कृष्ट पारंपरिक हस्तकला विशिष्ट कृति प्रदान की जाती है।

प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री ने गीता प्रेस को दी बधाई

गीता प्रेस को गाँधी शांति पुरस्कार मिलने पर प्रधानमंत्री व उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने बधाई दी पीएम ने ट्विटर पर लिखा कि “मैं गीता प्रेस, गोरखपुर को गांधी शांति पुरस्कार 2021 से सम्मानित किए जाने पर बधाई देता हूं। गीता प्रेस ने लोगों के बीच सामाजिक और सांस्कृतिक परिवर्तन को आगे बढ़ाने की दिशा में पिछले 100 वर्षों में सराहनीय कार्य किया है।” वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ट्विटर पर लिखा भारत के सनातन धर्म के धार्मिक साहित्य का सबसे महत्वपूर्ण केंद्र, गोरखपुर स्थित गीता प्रेस को वर्ष 2021 का ‘गांधी शांति पुरस्कार’ प्राप्त होने पर हृदय से बधाई।

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