
गणेश चतुर्थी 2023: सिद्धिविनायक मंदिर के लिए कब और किस गेट से जाएं, जानें
कैसे मिलेंगे दर्शन
19 सितंबर को गणेश चतुर्थी है, जिसे भारत में एक बड़े उत्सव के रूप में मनाया जाता है। इस दिन से 10 दिन तक गणपति उत्सव का आयोजन होता है, जिसका समापन अनंत चतुर्दशी को होता है। इस अवसर पर, भगवान गणेश की प्रतिमा घरों में स्थापित की जाती है और उनकी पूजा की जाती है। गणपति उत्सव के दौरान भव्य पंडाल भी सजाए जाते हैं, जहां गणेश जी की मूर्ति को स्थापित किया जाता है। इस अवसर पर, लोग देशभर के प्रमुख गणेश मंदिरों के दर्शन के लिए भी यात्रा करते हैं।

मुंबई का प्रसिद्ध सिद्धिविनायक मंदिर
भारत में कई बड़े और प्राचीन गणपति मंदिर हैं, लेकिन महाराष्ट्र में सबसे अधिक प्रसिद्ध गणेश मंदिर हैं। इनमें से एक मुंबई में स्थित है और यहां दर्शनार्थी दूरदराज से आते हैं। इस मंदिर को ‘सिद्धिविनायक मंदिर’ कहा जाता है क्योंकि मान्यता है कि यहां भगवान गणेश के दर्शन और पूजा करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

सिद्धिविनायक मंदिर का इतिहास
महाराष्ट्र राज्य के शहर मुंबई में भगवान गणेश के सबसे लोकप्रिय मंदिर हैं, जिनमें से एक है सिद्धिविनायक मंदिर। इस मंदिर का नाम सिद्धिविनायक है क्योंकि इसके प्रतिमा की सूंड दाईं ओर मुड़ी है। इस प्रकार की प्रतिमा वाले मंदिर को ‘सिद्ध पीठ’ के रूप में माना जाता है। भगवान गणेश का एक और नाम विनायक है, इसलिए इस मंदिर को ‘सिद्धिविनायक’ कहा जाता है। इस मंदिर का निर्माण 19 नवंबर 1801 को हुआ था।

सिद्धिविनायक मंदिर पहुंचने के तरीके
सिद्धिविनायक मंदिर पहुंचने के लिए आप मुंबई की लोकल ट्रेन, कैब, या बस का सहारा ले सकते हैं। मंदिर दक्षिण मुंबई में स्थित है। अगर आप लोकल ट्रेन से आना चाहते हैं, तो दादर रेलवे स्टेशन जाएं, और वहां से प्रभा देवी तक्षी ले सकते हैं। रेलवे स्टेशन से मंदिर की दूरी केवल 15 मिनट की है, और आप चाहें तो पैदल भी जा सकते हैं।

सिद्धिविनायक मंदिर का समय
सिद्धिविनायक मंदिर के दर्शन का समय सुबह 5:30 बजे से रात 9:50 बजे तक होता है। इस अवधि के दौरान, भक्त बिना किसी परेशानी के मंदिर में दर्शन कर सकते हैं। मंगलवार को, मंदिर में अधिक भीड़ होती है, इसलिए यदि आप मंदिर जा रहे हैं, तो भीड़ के लिए तैयार रहें।

सिद्धिविनायक मंदिर में प्रवेश का तरीका
मंदिर में प्रवेश के लिए दो द्वार हैं – सिद्धि द्वार और रिद्धि द्वार। दोनों ही गेट से आप मंदिर में प्रवेश कर सकते हैं। सिद्धि गेट से मंदिर में मुफ्त प्रवेश की अनुमति होती है, जिसके कारण यहां भीड़ होती है। वहीं, रिद्धि गेट पर भीड़ अधिक नहीं होती, क्योंकि इस गेट से मंदिर में प्रवेश के लिए प्रवेश शुल्क देना होता है।

अगर आपके पास समय कम है और दर्शन के लिए लंबी लाइन में नहीं खड़े होना चाहते हैं, तो आप पैसे देकर दर्शन का आनंद ले सकते हैं। साथ ही, वरिष्ठ नागरिकों, छोटे बच्चों के साथ माताओं, एनआरआई और विकलांग लोगों के लिए मंदिर में प्रवेश की विशेष व्यवस्था भी है।
आपके प्रश्नों का स्वागत है! नीचे कुछ प्रमुख प्रश्न और उनके उत्तर दिए गए हैं:
1. सिद्धिविनायक मंदिर कहाँ स्थित है?
सिद्धिविनायक मंदिर मुंबई, महाराष्ट्र में स्थित है।
2. मंदिर के दर्शन के लिए समय क्या है?
मंदिर के दर्शन सुबह 5:30 बजे से रात 9:50 बजे तक किए जा सकते हैं।
3. सिद्धिविनायक मंदिर कैसे पहुंचा जा सकता है?
मंदिर पहुंचने के लिए आप मुंबई की लोकल ट्रेन, कैब, या बस का सहारा ले सकते हैं। मंदिर दक्षिण मुंबई में स्थित है, और निकटतम रेलवे स्टेशन दादर है।
4. क्या मंदिर में दर्शन के लिए प्रवेश शुल्क होता है?
सिद्धिविनायक मंदिर के ‘सिद्धि गेट’ से मुफ्त प्रवेश की अनुमति होती है, जबकि ‘रिद्धि गेट’ से प्रवेश के लिए प्रवेश शुल्क देना होता है।
5. मंदिर में दर्शन के लिए विशेष व्यवस्थाएँ हैं क्या?
हां, मंदिर में वरिष्ठ नागरिकों, छोटे बच्चों के साथ माताओं, एनआरआई और विकलांग लोगों के लिए विशेष व्यवस्थाएँ हैं।
6. सिद्धिविनायक मंदिर में कौन-कौन से पूजा और रिटुअल्स होते हैं?
मंदिर में भगवान गणेश के लिए विभिन्न प्रकार की पूजाएं और अर्चनाएं की जाती हैं, जैसे कि आरती, अभिषेक, और मोदक प्रसाद की उपहार देना।
7. क्या सिद्धिविनायक मंदिर में खाने के लिए भोजन उपलब्ध है?
हां, मंदिर के पास कई प्रसाद और भोजन की दुकानें हैं, जहां पर्षाद और आपकी पसंद के व्यंजन उपलब्ध होते हैं।