सुप्रीम कोर्ट का सख्त रुख, कहा- फ्लैट खरीदने वालों को बिल्डरों के रहमोकरम पर नहीं छोड़ा जा सकता
नई
दिल्ली| सुप्रीम कोर्ट ने फ्लैट खरीदने वालों के
सन्दर्भ में सख्त रुख अख्तियार करते हुए केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है। कोर्ट
ने आज केंद्र सरकार को उस याचिका पर नोटिस जारी किया,
जिसमें
‘मॉडल
बिल्डर समझौता‘ और रियल एस्टेट क्षेत्र में ‘एजेंट-खरीदार समझौता‘
तैयार
करने के लिए केंद्र को निर्देश देने की मांग की गई है,
ताकि
बिल्डरों और एजेंटों को अनुचित और प्रतिबंधात्मक व्यापार प्रथाओं में लिप्त होने
से रोका जा सके।
न्यायमूर्ति
डी.वाई. चंद्रचूड़ और बीवी नागरत्ना ने कहा, “यह खरीदारों की सुरक्षा पर एक
महत्वपूर्ण मुद्दा है।” इसमें आगे कहा गया है, “अक्सर (इस मुद्दे को) बिल्डरों द्वारा
किए गए समझौतों में क्लॉज द्वारा बैकफुट पर रखा जाता है।”
पीठ
ने कहा कि लाखों घर खरीदारों के हितों की रक्षा के लिए केंद्र द्वारा एक समान
बिल्डर-खरीदार समझौता करने की आवश्यकता है। यह देखा गया कि याचिका में शिकायत है
कि मॉडल समझौते के अभाव में, फ्लैट खरीदारों को नियम और शर्तो के
बारे में डेवलपर्स की दया पर छोड़ दिया जाता है।
पीठ
ने कहा कि एक बार जब केंद्र द्वारा मॉडल खरीदार-निमार्ता समझौता तैयार कर दिया
जाएगा, तो
वह राज्य सरकारों को इसका पालन करने का निर्देश दे सकता है। पीठ ने आगे कहा कि यह
उपभोक्ता संरक्षण का एक महत्वपूर्ण मुद्दा है और अक्सर बिल्डर्स कोई भी क्लॉज
लगाकर बच जाते हैं। सुप्रीम कोर्ट अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय द्वारा दायर एक
याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसका प्रतिनिधित्व वरिष्ठ अधिवक्ता
विकास सिंह ने किया।