दीपावली से पहले योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश को रोशनी का गिफ्ट दिया

उत्तर प्रदेश की जनता को दीपावली से पहले योगी सरकार ने रोशनी का गिफ्ट दिया है | राज्य विद्युत नियामक आयोग की तरफ से ये फैसला लिया गया है कि प्रदेश में फिलहाल प्रदेश में बिजली की दरें नहीं बढ़ाई जाएंगी | नियामक आयोग के इस फैसले के बाद प्रदेश भर की जनता को बड़ी राहत मिलने जा रही है | कोरोना काल में लोगों की आमदनी कम होने के बाद बिजली महंगी होने की कल्पना से ही लोग परेशान हो रहे थे, लेकिन योगी सरकार ने त्यौहार से पहले उन्हें राहत की खबर दी है | कोरोना काल में लॉकडाउन के दौरान उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन (UP Power Corporation) को काफी नुकसान हुआ है | ऐसे में पावर कॉरपोरेशन सीधे बिजली की दरें (Electricity Rate) न बढ़ाकर स्लैब में बदलाव कर रेट बढ़ाने की तैयारी कर रहा था | इसके लिए कॉरपोरेशन ने राज्य विद्युत नियामक आयोग को एक प्रस्ताव भेजा गया था | अगर ये प्रस्ताव राज्य में लागू हो जाता तो घरेलू उपभोक्ताओं की जेब पर सीधा असर पड़ने वाला था | लेकिन नियामक बोर्ड ने प्रस्ताव को फिलहाल नकारकर 80% घरेलू उपभोक्ताओं को राहत दे दी है |
UPPCL ने गुपचुप ढंग से विधुत नियामक आयोग को प्रस्ताव भेजा था | प्रस्ताव में बिजली दरों के 80 स्लैब को 53 करने का प्रस्ताव था | BPL को छोड़ शहरी घरेलू के लिए 3 स्लैब बनाने और कमर्शियल, लघु एवं मध्यम उधोग के लिए 2 स्लैब बनाने की बात कही गई थी | अगर ये प्रस्ताव माना जाता तो बिजली दरों के स्लैब में बदलाव से 3 से 4% तक बिजली दर बढ़ सकती थी | उपभोक्ता परिषद ने कहा था कि स्लैब बदलने के प्रस्ताव पर तभी विचार किया जाए जब बिजली दरों में 16 फीसदी की कमी हो |