गुरुद्वारा बाबा अटल राय अमृतसर के स्वर्ण मंदिर परिसर में स्थित है। बाबा अटल राय गुरु हरगोबिंद जी के छठे गुरु बेटे थे।
बाबा अटल राय अपने साथी मोहन के साथ गुरूद्वारा के मैदान में खेलते थे।
एक बार बाबा अटल राय जी को पता चला कि उनके साथी मोहन को रात में एक साप ने डसा है। बाबा अटल राय अपने मित्र के घर गए और बाबा ने मृत मोहन के गले में छड़ी दाल कर कहा ‘मेरे प्यारे दोस्त तुम इतनी गहरी नींद में सोते हो? उठो चलो खेलो। इतना सुनते ही मोहन उठ गए। फिर इस घटना के बारे में जोरों शोरों से दूर दूर तक चर्चा फैल गई। जब पिता श्री गुरू हरगोबिंद साहिब जी ने कहा कि ऐसे अकाल पुरख के हुकम में विघ्न पड़ेगा।
बालक अटल राय ने तुरंत कहा कि तो फिर वाहिगुरू को मैं अपने प्राण दे देता हूं। इतना कह चादर तानकर वहीं लेट गए और महज नौ वर्ष की उम्र अपने प्रण त्याग दिए।
हवाई मार्ग द्वारा: सबसे नजदीकी हवाई अड्डा श्री गुरु राम दास जी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे है। जो शहर के केंद्र से केवल कुछ किलोमीटर दूर है।
रेल मार्ग द्वारा: सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन अमृतसर रेलवे स्टेशन है। देश के प्रमुख हिस्सों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। दूरी तय करने के लिए टैक्सी, कैब और ऑटो रिक्शा आसानी से मिल जाते हैं।
सड़क मार्ग द्वारा: अमृतसर सभी जिलों के लिए रोड की व्यवस्था है। राष्ट्रीय राजमार्ग 1 पर स्थित है। जम्मू, पटियाला, अंबाला, चंडीगढ़ और दिल्ली से अपना वाहन या बस में सवार हो पहुंच सकते हैं।