राज्यउत्तर प्रदेश / यूपी
सार्वजनिक रूप से काशी में मेरी मृत्यु की कामना की गई, तो वाकई मुझे बहुत आनंद आया: पीएम मोदी

पीएम ने आगे कहा कि महादेव के आशीर्वाद से आज बनारस बदल रहा है. आज काशी विश्वनाथ धाम, काशी देश की गरिमा के अनुरूप हमारी पहचान की भव्य झांकी बनकर खड़ा है. कितने समय बाद, बाबा का धाम मां गंगा फिर से एक बार जुड़े हैं. जब ये घोर परिवारवादी सरकार में थे, तो यूपी के विकास के लिए, गरीबों के लिए हम जो भी काम लेकर आते थे, उसमें ये अड़ंगा लगा देते थे, लेकिन बीते पांच साल में डबल इंजन की सरकार ने यूपी के विकास की पूरी ईमानदारी से कोशिश की है.
पीएम नरेंद्र मोदी ने आगे कहा कि कोरोना काल के दौर में पार्टी ने ‘सेवा ही संगठन’ अभियान चलाया. मैं जानता हूं कि किस तरह भाजपा का हर एक कार्यकर्ता जन सामान्य की सेवा के लिए लगा रहा. हमारे कार्यकर्ताओं ने लोगों तक राशन पहुंचाया, घर-घर दवाइयां पहुंचाई, मास्क बांटे. हम सेवा करने के लिए ही राजनीति में आए हैं. ये एक-दो दिन की रिहर्सल नहीं, एक दो साल का कोर्स नहीं है, बल्कि सेवा एक महायज्ञ है, जो जीवन की आखिरी सांस तक अनवरत चलते रहना चाहिए.
उन्होंने आगे कहा कि मैंने इस बार लाल किले से कहा है कि 100% लाभार्थियों तक जन कल्याणकारी योजनाओं का लाभ पहुंचना चाहिए. जब ऐसा होगा तो न तुष्टिकरण की कोई संभावना होगी, न किसी भेदभाव की. इस काम में भाजपा कार्यकर्ताओं की बहुत बड़ी भूमिका है. काशी तो अविनाशी कही जाती है काशी के लोग जब विश्वनाथ धाम परियोजना को लेकर गर्व का अनुभव कर रहे थे, तो उस समय हमने एक अनुभव किया. हम सभी ने देखा कि भारत की राजनीति में कुछ लोग किस हद तक नीचे गिर गए हैं.
प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं किसी की व्यक्तिगत आलोचना करना पसंद नहीं करता ना ही किसी की आलोचना करना चाहता हूं, लेकिन जब सार्वजनिक रूप से काशी में मेरी मृत्यु की कामना की गई, तो वाकई मुझे बहुत आनंद आया, मेरे मन को बहुत सुकून मिला. मुझे लगा कि मेरे घोर विरोधी भी ये देख रहे हैं कि काशी के लोगों का मुझ पर कितना स्नेह है. उन लोगों ने तो मेरे मन की मुराद पूरी कर दी. इसका मतलब ये कि मेरी मृत्यु तक ना काशी के लोग मुझे छोड़ेंगे ना ही काशी मुझे छोड़ेगी.
पीएम ने आगे कहा कि उन घोर परिवारवादियों को मालूम नहीं है कि ये जिंदा शहर बनारस है. ये शहर मुक्ति के रास्ते खोलता है. अब बनारस, विकास के जिस रास्ते पर चल पड़ा है, वो देश के लिए गरीबी से मुक्ति के रास्ते खोलेगा, अपराध से मुक्ति के रास्ते खोलेगा. काशी में घाटों पर, मंदिरों पर बम विस्फोट होते थे. आतंकवादी बेखौफ थे, क्योंकि तब की समाजवादी सरकार उनके साथ थी. सरकार आतंकियों से खुलेआम मुकदमे वापस ले रही थी, लेकिन काशी कोतवाल बाबा कालभैरव के आगे इनकी चलने वाली थी क्या? त्रिशूल के आगे कोई माफिया, कोई आतंकी कभी टिक सकता है क्या? आज सब अपने ठिकाने पर है कालजयी काशी है देश को दिशा दिखा रही है. कुछ दिन पहले मां अन्नपूर्णा की प्रतिमा भी बनारस को आशीर्वाद देने फिर से स्थापित हो गई है.